PATNA : मीठापुर कृषि भवन पहुंचे कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक कर दिए कई दिशा निर्देश

  • टाल क्षेत्र में सुखाड़ को चुनौती के रूप में ले अधिकारी – कृषि मंत्री

पटना,फुलवारीशरीफ। बिहार सरकार के कृषि विभाग के मंत्री सुधाकर सिंह बुधवार को अचानक मीठापुर स्थित कृषि भवन पहुंचे मंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर सही दिशा निर्देश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक कृषि मंत्री बिहार सुधाकर सिंह द्वारा कृषि भवन, मीठापुर, पटना के सभागार में आयोजित मैराथन बैठक में विभागीय योजनाओं की समीक्षा की गई। उनके द्वारा विशेष रूप से खरीफ फसलों के आच्छादन, डीजल अनुदान एवं आकस्मिक फसल योजना के बारे में जानकारी प्राप्त की गई तथा संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निदेश दिया गया। मंत्री ने कहा कि इस वर्ष पहली बार राज्य में टाल क्षेत्र सूख गया है, यह एक चुनौती है, हमें इस पर सोचना होगा। टाल क्षेत्र के विकास के लिए विशेष प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के जिन जिलों में इस वर्ष बहुत कम वर्षापात हुआ है, उस क्षेत्र के किसानों को डीजल अनुदान निश्चित रूप से मिले, यह सुनिश्चित करना होगा।

उन्होंने निदेश दिया कि मुख्यालय के पदाधिकारी बिना बताए सप्ताह में एक दिन क्षेत्र भ्रमण और औचक निरीक्षण करें। उन्होंने आकस्मिक फसल योजना के अंतर्गत सूखे की स्थिति में पशुचारा बहुत महत्वपूर्ण हैं, अतः ज्वार और बरसीम के बीज की व्यवस्था करने हेतु पदाधिकारियों को निदेशित किया। साथ ही क्रॉप रिप्लेसमेंट में मक्का को सर्वोच्च प्राथमिकता दिया जाये। अर्थ और सांख्यिकी निदेशालय, योजना एवं विकास विभाग के साथ रियल टाईम में फसलों के आच्छादन और उत्पादन के आँकड़ों पर निकट भविष्य में एक बैठक आयोजित करने हेतु निदेशित किया। उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग से नहरों, जलाशयों में पानी की उपलब्धता की जानकारी कृषि विभाग को पूर्व से ही देने हेतु अनुरोध किया जाये, ताकि उसके अनुसार कृषि विभाग द्वारा फसलों के लिए रणनीति तैयार किया जा सके।

वही सिंह ने बताया कि कृषि विभाग, नीति और प्रशिक्षण पर आधारित विभाग है। छोटा बजट से हम बड़ा काम कर सकते हैं। विभिन्न कारणों से उर्वरकों के उपयोग स्वरूप में बदलाव हो रहा हैं, किसानों से वार्ता कर एक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु पदाधिकारियों निदेशित किया। उन्होंने कहा कि डीलर प्वांईंट पर उर्वरकों के स्टॉक का वेरिफिकेशन कराया जाए। बिहार राज्य बीज निगम के निदेशक परिषद् में किसान प्रतिनिधि को नामित किया जाये। कृषि मंत्री ने बीज की गुणवत्ता हेतु डी॰एन॰ए॰ प्रयोगशाला द्वारा किए जा रहे कार्यों और बिहार राज्य एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी (बसोका) द्वारा राज्य के बाहर 7 अन्य राज्यों में जैविक प्रमाणन किए जाने पर सराहना की। उन्होंने कहा कि किसान समूहों को जैविक कॉरिडोर योजना में उत्पादित कृषि उत्पाद को अच्छा मूल्य मिल सके, इसलिए 13 जिलों में प्वाइंट ऑफ सेल की व्यवस्था विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। जैविक प्रमाणीकरण योजनान्तर्गत लार्ज एरिया सर्टिफिकेशन के तहत् अधौरा के पठारी क्षेत्रों में कार्य किया जाये। इसके लिए वहाँ की मिट्टी की जाँच पहले करा ली जाये।

 

About Post Author

You may have missed