संसद भवन घुसपैठ मामले मे मास्टरमाइंड का सरेंडर; सबूत मिटाने को सभी फोन जलाएं, जांच जारी

नई दिल्ली। संसद में घुसपैठ केस के मास्टरमाइंड ललित मोहन झा ने गुरुवार देर रात दिल्ली पुलिस थाने में सरेंडर कर दिया। पुलिस ने ललित को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि वह महेश नाम के एक व्यक्ति के साथ दिल्ली के कर्तव्य पथ पुलिस स्टेशन पहुंचा था। पुलिस ने बताया कि घटना का वीडियो बनाने के बाद ललित ने उसे इंस्टाग्राम पर डाला और कोलकाता के एक एनजीओ को भेजा, ताकि ये मीडिया तक पहुंच सके। इसके बाद वह मौके से फरार हो गया था। वह अपने सभी साथियों के मोबाइल फोन भी ले गया था, जिसे उसने जला दिया, ताकि सबूत मिटाए जा सकें। इसके बाद ललित बस से राजस्थान के नागौर पहुंचा। वहां वह अपने दो दोस्तों से मिला और एक होटल में रात बिताई। जब उसे एहसास हुआ कि पुलिस उसकी तलाश कर रही है तो वह एक दोस्त के साथ बस से वापस दिल्ली आ गया। यहां उसने सरेंडर कर दिया। फिलहाल वह पुलिस की स्पेशल सेल की कस्टडी में है। वहीं, दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम शनिवार या रविवार को संसद में सुरक्षा चूक के सीन को रीक्रिएट करेगी। सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए सभी आरोपियों को संसद परिसर ले जाया जाएगा। इससे दिल्ली पुलिस ये पता लगाएगी कि आरोपी कैसे संसद भवन में दाखिल हुए और कैसे अपने प्लान को अंजाम दिया। संसद में घुसपैठ कर स्मोक कैन चलाने वाले सभी आरोपी भगत सिंह फैंस क्लब में शामिल थे। सोशल मीडिया ग्रुप पर ये लोग अपनी विचारधारा वाली पोस्ट डालते थे और वर्चुअली मिले। कई राज्यों के लोग इस क्लब से जुड़े हुए हैं। पांचवें आरोपी गुरुग्राम के विशाल शर्मा से हिरासत में पूछताछ जारी है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों का किसी आतंकी संगठन से संबंध सामने नहीं आया है। सभी करीब डेढ़ साल से संसद में घुसपैठ की साजिश रच रहे थे। तब वे मैसुरु में मिले। पुलिस के अनुसार ललित झा ने मार्च में मनोरंजन को संसद भवन की रेकी को कहा। सागर भी जुलाई में संसद भवन आया, लेकिन भीतर नहीं जा पाया। मनोरंजन और सागर ने देखा कि यहां जूतों की जांच नहीं होती है, इसलिए स्मोक कैन को जूतों में छिपाया था। 10 दिसंबर को सभी दिल्ली पहुंचे, मनोरंजन फ्लाइट से आया। राजस्थान से भी एक अन्य को दिल्ली में पहुंचना था। अमोल ने ठाणे से लाए स्मोक कैन सभी को इंडिया गेट पर बांटे। सदर बाजार से तिरंगे भी खरीदे। सागर ने दो पास हासिल किए, इसलिए सागर-मनोरंजन ही संसद में दाखिल हुए। सागर ने लखनऊ में एक कारीगर से जूतों में कैन छिपाने की जगह बनवाई थी। ललित ने अमोल-नीलम के संसद के बाहर स्मोक कैन चलाने के वीडियो बनाए और बंगाल में एनजीओ चलाने वाले नीलाक्ष को भेजे। नीलाक्ष ने पुलिस को बताया कि ललित अप्रैल में ही एनजीओ से जुड़ा था, वह अपनी पहचान को गुप्त रखता था। ललित स्मोक कैन चलाने को फेसबुक पर लाइव करना चाहता था। ललित ने चारों आरोपियों के मोबाइल अपने पास रख लिए थे। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि आरोपियों के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक पर्चे भी मिले हैं। वहीं, 13 दिसंबर को संसद में घुसपैठ करने वाले दो आरोपियों और उनके दो सहयोगियों को गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने चारों को 7 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। चारों आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की कार्रवाई भी की गई।

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