उपद्रव मामले में एक आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा, लेकिन मुख्य सरगना अभी भी फरार

मसौढी। बीते मंगलवार को एक गुट द्वारा एक किशोर को गोली मारने के बाद दो गुटों के बीच पनपे विवाद के दौरान किए गए उपद्रव के मामले में गठित छापेमारी टीम ने बीते शुक्रवार की रात छापेमारी कर एक नामजद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और शनिवार को उसे जेल भेज दिया। हालाकि फिलवक्त दोनों गुटों के सरगना फरार है। छापेमारी टीम ने बीते शुक्रवार की रात छापेमारी कर नामजद अभियुक्त सह दहीभता ग्रामवासी लवकुश कुमार उर्फ लवकुश शर्मा उर्फ लालभूषण शर्मा को गिरफ्तार कर लिया और उसे शनिवार को जेल भेज दिया। इस तरह इस मामले में अबतक कुल 15 आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन दोनों गुटों के मुख्य सरगना अभी भी फरार हैं। इस बाबत पुलिस ने बताया कि मुख्य सरगना समेत अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए निरंतर दबिश बनाई हुई है।
अभी भी प्रशासन है मुस्तैद: शांति बहाली के लिए संकल्पित अनुमंडलीय प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ सजग व सतर्क है। वह कोई भी कोताही बरतने को तैयार नहीं है। इस बाबत अनुमंडल पदाघिकारी संजय कुमार ने बताया कि मंगलवार को घटना के दिन जिन चिंहित जगहों पर दंडाधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस बल को प्रतिनियुक्त किया गया था वह अभी भी चौबीसों घंटे कायम है और जबतक प्रशासन को शांति बहाली के लिहाज से पूरी तसल्ली नहीं हो जाती प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों व पुलिस बल को वहां से नहीं हटाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वे स्वयं एसडीपीओ के साथ रात में चिंहित जगहों पर तैनात दंडाधिकारियों व पुलिस बल की तैनाती का भौतिक सत्यापन करते हैं और विधि व्यवस्था की समीक्षा करते हैं। उन्होंने बताया कि उपद्रव में शामिल आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए गठित टीम द्वारा निरंतर छापेमारी जारी है और इसके सकारात्मक नतीजे भी मिल रहें हैं। दोनों गुटों के फरार मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी अबतक न होने की बाबत एसडीओ ने बताया कि उनके खिलाफ आगे की कारवाई की जा रही है। गौरतलब है कि बीते मंगलवार को एक गुट के कुछ युवकों ने थाना के कुम्हारटोली निवासी सूरज कुमार को गोली मार घायल कर दिया था। इसके बाद दूसरे गुट के दर्जनों लोग उस गुट के मोहल्ले पर हमला बोल दिए थे और फिर दोनों गुटों के बीच जमकर पत्थरबाजी व फायरिंग हुई थी। मौके पर पहुंची पुलिस पर भी उन्होंने रोडेबाजी की थी और शहर में बबाल खडा हो गया था। बाद में पुलिस ने इस मामले में 81 लोगों के खिलाफ नामजद व 300 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
लोगों का भरोसा जीत पाने में असफल है प्रशासन: अपने भरपूर प्रयास के बाद भी अनुमंडलीय प्रशासन लोगों का भरोसा जीत पाने में अबतक सफल नहीं हो सका है। बीते मंगलवार की घटना के दो दिन बाद गुरूवार को मसौढी बाजार की दुकानें तो खुल गई। लेकिन दुकानों में ग्राहकों की संख्या नहीं जुट पा रही है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों से खरीददारी करने आनेवाले लोगों की संख्या बहुत ही कम है। इसका बुरा असर व्यवसाय पर पड रहा है। कुछ दुकानदारों ने बताया कि मंगलवार की घटना के बाद से उन्हें बोहनी तक नहीं हो पाई है। इतना ही नहीं, रात नौ बजे तक गुजलार रहनेवाला मसौढी बाजार शाम होते ही बंद होने लगता है और सडकों पर सन्नाटा पसर जाता है। केवल ट्रेनों से आनेजाने वाले यात्री ही ट्रेन के वक्त नजर आते हैं।

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