खत्म हुआ वैवाहिक लग्न, अब चार मास बाद बजेगी शहनाई

  • 20 से चातुर्मास आरंभ, नवंबर व दिसंबर में 12 विवाह मुहूर्त

पटना। कोरोना काल में सीमित संसाधनों में ही शादी-विवाह की शहनाईयां बजने के बाद आषाढ़ शुक्ल एकादशी दिन मंगलवार से चातुर्मास का आरंभ 20 जुलाई को हरिशयन एकादशी से हो जायेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास के दौरान चार माह तक भगवान विष्णु शयन करने हेतु क्षीर सागर में चले जाते हैं। इस अवधि में शादी-विवाह, मुंडन, जनेऊ, नामकरण और दीक्षा संस्कार वर्जित माने जाते हैं। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान अधिक होते हैं। चातुर्मास में सनातन धर्मावलंबियों के लिये इन्हीं चार माह में दशहरा, तीज, रक्षाबंधन, छठ पूजा आदि पर्व त्योहार होते हैं।
मिथिला में 10 तो बनारसी पंचांग में 12 मुहूर्त
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा शास्त्री ने पंचांगों के हवाले से बताया कि सनातन धर्मावलंबियों के शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त 17 जुलाई तक ही था। आषाढ़ शुक्ल एकादशी यानि 20 जुलाई से कार्तिक शुक्ल एकादशी यानि 15 नवंबर के समयावधि को चातुर्मास कहा जाता है। इस दौरान शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं। चातुर्मास के बाद इस वर्ष में कुल 12 शुभ लग्न मुहूर्त शेष होंगे। बनारसी पंचांग के अनुसार नवबंर में छह तथा दिसंबर में भी छह वैवाहिक लग्न है। वहीं मिथिला पंचांग के मुताबिक नवंबर में तीन एवं दिसंबर में सात शुभ विवाह मुहूर्त है। इसके बाद अगले साल 2022 में मकर संक्रांति के बाद शादी-ब्याह का लग्न शुरू होगा।
भगवान विष्णु पाताल लोक में करते है निवास
ज्योतिषी झा के अनुसार चातुर्मास के दौरान साधु-संत, महात्मा एक जगह से दूसरे जगह की यात्रा नहीं करते हैं। विष्णु पुराण के मुताबिक इन चार माह में भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के यहां निवास करते हैं। चातुर्मास के देवता व संचालनकर्ता भगवान भोलेनाथ होते हैं। वृहत संहिता के अनुसार सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने के साथ चातुर्मास का आरंभ हो जाता है।
शुभ वैवाहिक मुहूर्त के लिए ये है जरूरी
शादी के शुभ मुहूर्त के लिए वृष, मिथुन, कन्या, तुला, धनु तथा मीन लग्न में से किसी एक का रहना जरूरी है। वहीं रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, मूल, मघा, हस्त, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुन, उत्तरा भाद्र, उत्तरा आषाढ़ में एक नक्षत्र कि उपस्थिति अनिवार्य है। सर्व उत्तम मुहूर्त के लिए रोहिणी, मृगशिरा और हस्त नक्षत्र का रहना जरूरी है।

इस वर्ष के वैवाहिक शुभ मुहूर्त


बनारसी पंचांग के अनुसार
नवंबर: 19, 20, 21, 26, 28, 29
दिसंबर: 1, 2, 5, 7, 12, 13

मिथिला पंचांग के मुताबिक
नवंबर: 21, 22, 29
दिसंबर: 1, 2, 5, 6, 8, 9, 13

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