उपचुनाव:-महागठबंधन में जारी है ढिशुम- ढिशुम,मांझी कर सकते हैं ‘वाकआउट’ कांग्रेस करेगी ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’

पटना। बिहार में होने वाले विधानसभा एवं लोकसभा के उपचुनाव के पूर्व ही महागठबंधन की एकता दरकती नजर आ रही है। अगर वर्तमान हालात पर गौर किया जाए तो साफ पता चलता है कि बिहार में महागठबंधन समाप्त होने के कगार पर है, बस घोषणा होना बाकी है।विधानसभा उपचुनाव में सीटों तथा प्रत्याशियों के चयन में राजद एकतरफा फैसला ले रहा है।जिससे महागठबंधन के घटक दल नाराज बताया जा रहे हैं।हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी प्रेस करने वाले हैं।जिसके बाद महागठबंधन को लेकर उनका स्टैंड क्लियर हो जाएगा वहीं राजद के फैसलों से कांग्रेसी भी नाराज दिख रही है । नाथनगर सीट पर आरजेडी की तरफ से राबिया खातून को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद जीतन राम मांझी को झटका लगा है।मांझी यह सीट अपनी पार्टी के लिए चाहते थे। वहीं कांग्रेस भी बिहार विधानसभा उपचुनाव को लेकर आज आधिकारिक तौर पर फैसला लेगी। शाम 5 बजे सदाकत आश्रम में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा सहित समिति के अन्य सदस्य मौजूद रहेंगे।विदित हो कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने नाथ नगर सीट पर अपनी दावेदारी तय की थी। लेकिन कल दो प्रत्याशियों को आरजेडी ने सिंबल भी आवंटित कर डाला।हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष के हवाले से प्राप्त खबरों अनुसार अगर आरजेडी ने वाकई गुपचुप तरीके से नाथनगर सीट पर अपने उम्मीदवार को सिंबल दे दिया है तो यह बेहद गंभीर मसला है।आरजेडी अगर नाथनगर सीट से अपना उम्मीदवार वापस नहीं लेती है तो उनकी पार्टी महागठबंधन में अपने भविष्य को लेकर बड़ा फैसला करेगी।

दूसरी तरफ कांग्रेस कि चुनाव समिति की इस बैठक में इस बात पर निर्णय होगा की पार्टी उपचुनाव में किन-किन सीटों पर उम्मीदवार देगी। हालांकि सहयोगी दल आरजेडी ने 4 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार देने का फैसला करके यह तय कर दिया है कि कांग्रेस किशनगंज विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार दे। समस्तीपुर लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस पहले से ही अपनी दावेदारी कर रही है। समझा जाता है कि महागठबंधन में राजन की मनमानी से नाराज कांग्रेस प्रेशर पॉलिटिक्स का रुख अख्तियार करेगी।

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