महागठबंधन में 80 सीटों के लिए दबाव बना रही है कांग्रेस,कोआर्डिनेशन कमेटी के बदौलत प्रेशर पॉलिटिक्स

पटना।आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में पूरी तरह से असहज हो रहे हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी तथा रालोसपा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भले ही बिहार कांग्रेस के प्रभारी सांसद शक्ति सिंह गोहिल के कोआर्डिनेशन कमेटी वाले बयान को अपने लिए ‘पॉलिटिकल कोरामीन’ समझ रहे हो।मगर वास्तव में ‘दिल बहलाने के लिए गालिब ये ख्याल अच्छा है’ से बढ़कर यह कुछ नहीं है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जीतन राम मांझी तथा उपेंद्र कुशवाहा के स्वर में अपनी ‘अनुगूंज’ शामिल करा कर कांग्रेस दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव में राजद के साथ अपने हिस्से की सीटों को बढ़ाने में लगी हुई हैं। कांग्रेस बिहार में भले ही बहुत मजबूत नहीं है,मगर राजद के लिए भी राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में अपनी पोजीशन बरकरार रखने के लिए कांग्रेस के साथ होने की अनिवार्यता आवश्यक है।बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के तेजस्वी यादव के सीएम कैंडिडेट की स्वीकार्यता तथा कोआर्डिनेशन कमेटी की बयान को लेकर महागठबंधन में एक बार फिर जीतन राम मांझी तथा उपेंद्र कुशवाहा की निगाहे जरुर चमक गई है।मगर अंदरखाने के सूत्रों के मुताबिक वास्तविक माजरा कुछ और ही है।बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस लगभग 80 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश करना चाह रही है।बिहार की राजनीति में लगभग 25 वर्षों से राजद के सहारे टिकी कांग्रेस यह बात अच्छी तरह समझती है की राजद आसानी से 80 सीटें देने से तो रही।इसलिए राजद के साथ कांग्रेस अभी से ही ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’ करने लगी है।कांग्रेस के रणनीतिकार यह बात जानते हैं की महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार के तौर पर तेजस्वी यादव को अभी नहीं स्वीकारने की उनकी रणनीति राजद के लिए प्रेशर का काम करेगी।वहीं दूसरी तरफ बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कोआर्डिनेशन कमेटी की बात उठाकर राजद नेतृत्व को सीटों के तालमेल के लिए गंभीर होने का सिग्नल दे दिया है।कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस राजद से 80 सीटों की मांग कर रही है। महागठबंधन में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजद सुप्रीमो लालू यादव तथा उनके पुत्र तेजस्वी यादव महागठबंधन में शामिल कथित छोटे-छोटे दलों को बिल्कुल भी भाव नहीं दे रहें हैं।राजद नेतृत्व की यह रणनीति कांग्रेस के लिए ‘पावर प्लस’ बनते जा रही है।जानकारों का मानना है कि हम,रालोसपा तथा वीआईपी पार्टी जैसे छोटे राजनीतिक दलों को फ्रंट पर रखकर कांग्रेस चुनावी शतरंज की बिसात पर अपने लिए दांव खेल रही है।दरअसल राजद तथा कांग्रेस के शीर्ष नेता महागठबंधन में शामिल अन्य राजनीतिक दलों के वोट बैंक की सच्चाई से वाकिफ हो चुके हैं।ऐसे में अगर कांग्रेस इन दलों को अपने साथ मिलाकर महागठबंधन के ‘इनर सर्किल’ में विस्फोट करती है।तो निश्चित तौर पर राजद कांग्रेस का साथ कायम रखने के लिए उसे आशा के अनुरूप सीटें दे सकती हैं।बहरहाल आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में राजग तथा महागठबंधन दोनों खेमों में राजनीतिक सक्रियता ‘फुल एक्टिव मोड’ में है।

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