बिहार कैबिनेट की बैठक में पांच एजेंडों पर लगी मुहर

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पटना। बिहार लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग में जल्द ही 641 पदों पर बहाली होगी। विभिन्न श्रेणी के इन पदों के लिए वेतन आदि के मद में सरकार पर करीब 39.84 करोड़ रुपये सालाना का खर्च आएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक में पांच प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अभियंत्रण विभाग में 641 स्थायी पदों के अलावा संविदा वाले तीन पदों पर भी नियोजन का फैसला लिया गया। इसके अलावा पूर्व से सृजित मुख्य अभियंता (नागरिक) के पदनाम को मुख्य अभियंता (असैनिक) करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत हो चुका है। किशनगंज जिला में पोठिया के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विनय कुमार लाल पिछले आठ वर्षों से लगातार अनुपस्थित चल रहे। उन्हें सेवा से बर्खास्त करने के स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है। पंचायती राज और नगर निकाय संस्थानों के तहत नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों की सेवा शर्त में सुधार के लिए गठित कमेटी में महाधिवक्ता की जगह महाधिवक्ता या उनके द्वारा नामित अधिवक्ता सदस्य होंगे। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान नियमावली के 2020 के प्रारूप को मंजूरी दे दी है। वहीं एनसीसी में सीलिंग साइकलिंग एक्सपेडिसन पर जाने वाले अंशकालीन अफसरों और कैडेटों के भोजन भत्ता की दरों में वृद्धि का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृत किया है। इस मद में 93.08 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

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