नीतीश के साथ नहीं-तेजस्वी से बात नहीं,आखिर कर क्या रहे हैं प्रशांत किशोर उर्फ ‘पीके’
पटना।आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार के राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर राजनीतिक के पीके उर्फ प्रशांत किशोर की चर्चा तेज हो गई है। दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी की सफलता- महाराष्ट्र में शिवसेना की सफलता के बाद राजनीति के बड़े चुनावी रणनीतिकार कहे जाने वाले प्रशांत कुमार उर्फ पीके बिहार के आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर बेहद संजीदा हो उठे हैं। बिहार के राजनीतिक समीक्षक भी यह जानना चाहते हैं की आगामी चुनाव में पीके का एक्शन प्लान क्या रहेगा।देशभर में चुनावी रणनीति तैयार करने के लिए मशहूर प्रशांत किशोर बिहार में परिवर्तन तो चाहते हैं।मगर राजद के तेजस्वी भी उन्हें पसंद नहीं है।असमंजस में पड़े प्रशांत किशोर समझ रहे हैं कि अगर बिहार में नेतृत्व परिवर्तन करना है तो नीतीश कुमार के बाद अगर कोई चेहरा दावेदार दिखता है तो वह सिर्फ तेजस्वी ही है।मगर पीके यह भी जानते हैं कि बिहार में फिर से लालू दौर की शुरुआत होती है तो पुनः राजनीति का पहिया आगामी 30 वर्षों तक परिवारवाद-लोहियावाद तथा जेपी वाद के इर्द-गिर्द घूमते रह जाएगा। पीके अपने ‘बात बिहार की अभियान’ के तहत राज्य में आमूलचूल परिवर्तन की बात करते हैं।सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से प्रशांत किशोर बिहार में ‘विकसित बिहार’ का ‘फंडा’ प्रमोट कर रहे हैं।ऐसे में बिहार की राजनीति में लालू के ‘लाल’ तेजस्वी के साथ सीधा चला आना,फिलहाल उन्हें गवारा नहीं लग रहा है।कहा तो यहां तक जा रहा है कि प्रशांत किशोर की रणनीति के मुताबिक वह तेजस्वी की ताजपोशी तथा नीतीश की पुनः वापसी दोनों नहीं चाहते हैं।ऐसे में अनुमान यह लगाया जा रहा है कि प्रशांत किशोर बिहार में त्रिशंकु विधानसभा की उम्मीद पाल बैठे हैं। हालांकि आसन्न विधानसभा चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा की उम्मीद काफी कम है।राज्य में त्रिशंकु विधानसभा का संभावना तभी बन सकती है।जब राज्य में कहीं थर्ड फ्रंट मजबूती से मैदान में डटे रहें।मगर आसन्न विधानसभा चुनाव में लड़ाई सीधा राजग बनाम महागठबंधन की प्रतीत हो रही है।ऐसे में मजबूत थर्ड फ्रंट की कवायदें दिख तो रही है।मगर धरातल पर उसकी नींव अभी भी कमजोर ही है।ऐसे में राज्य के राजनीतिक विशारद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कि बिहार के चुनाव में भूमिका को अलग-अलग दृष्टिकोण से परिभाषित करने में जुटे हुए हैं।