लद्दाख में हुए भूस्खलन में सेना के 6 जवानों की मौत, राहत और बचाव कार्य जारी

लद्दाख। लद्दाख में भूस्खलन के कारण सेना के वाहन सड़क हादसे का शिकार हो गए हैं। शुरुआती जानकारी सामने आई है कि इस हादसे में सेना के 6 जवानों की मौत हुई है। बताया गया है कि भूस्खलन इतना खतरनाक था कि सेना के काफिले में शामिल 3 वाहन इसकी चपेट में आ गए थे। हादसे के संबंध में अधिक जानकारी अभी सामने नहीं आई है। जानकारी के अनुसार इस इलाके में भूस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं। इससे पहले अगस्त में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भैरव घाटी और नेलांग के बीच भूस्खलन की चपेट में आने से एक जवान की मौत हो गई थी। इसी पेट्रोलिंग टीम में शामिल एक डॉक्टर घायल हो गया था। इनके अलावा कुछ अन्य जवानों को रेस्क्यू किया गया था।
उत्तराखंड में हिमस्खलन के बाद सर्च ऑपरेशन जारी
वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड के उत्तरकाशी में तीन और लोगों के शव बरामद होने के बाद हिमस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि तलाश अभियान में मदद के लिए भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर ने उत्तराखंड के हर्षिल से उड़ान भरी। एनआईएम के पर्वतारोही चढ़ाई के बाद लौटते समय मंगलवार को 17 हजार फीट की ऊंचाई पर द्रौपदी का डांडा-द्वितीय चोटी पर हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। जिस जगह पर हिमस्खलन हुआ था, वहां से गुरुवार शाम को तीन और शव बरामद किए गए और अभी तक 19 शव बरामद किए जा चुके हैं। संस्थान के मुताबिक, इनमें से 17 शव प्रशिक्षुओं के, जबकि दो शव प्रशिक्षकों के हैं। वहीं, 10 प्रशिक्षु अब भी लापता हैं। थल सेना, वायुसेना, एनआईएम, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), हाई ऑल्टिट्यूड वारफेयर स्कूल (जम्मू-कश्मीर), राज्य आपदा मोचन बल और जिला प्रशासन तलाश अभियान में जुटे हैं।

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