पटना में पत्नी का मर्डर करने वाला हत्यारा पति गिरफ्तार, जमीन के विवाद में ली थी जान

पटना। राजधानी पटना के पिपलावा थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें जमीन विवाद के चलते एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी। पुलिस ने सोमवार को आरोपी अरविंद कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। घटना ने समाज में घरेलू हिंसा और परिवारिक विवादों की गंभीरता को उजागर किया है। यह मामला तब शुरू हुआ जब अरविंद की मां ने अपने पुश्तैनी जमीन को बेच दिया। इस निर्णय से अरविंद और उसकी पत्नी गुड़िया देवी के बीच अक्सर बहस होती थी। गुड़िया का कहना था कि जमीन बेचने से उनके बच्चों के भविष्य पर असर पड़ेगा और उनका पालन-पोषण मुश्किल हो जाएगा। इस विवाद के चलते गुड़िया अपने बच्चों को लेकर मायके, रामपुर चली गई। 28 अक्टूबर को अरविंद अपनी पत्नी को वापस लाने के लिए ससुराल पहुंचा। ससुराल में भी दोनों के बीच जमकर झगड़ा हुआ। इसी झगड़े के दौरान अरविंद ने अपनी पत्नी पर इतना क्रूर हमला किया कि उसने आटा चक्की के भारी पाट पर पटककर उसे घायल कर दिया। गंभीर रूप से घायल गुड़िया को तुरंत इलाज के लिए एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 2 नवंबर को उसने दम तोड़ दिया। मृतका गुड़िया देवी के परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज कराया और आरोपी अरविंद कुमार को सख्त सजा की मांग की। परिजनों का कहना है कि जमीन बेचने को लेकर विवाद काफी समय से चल रहा था और यह घटना उसी विवाद का नतीजा है। गुड़िया अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहती थी और जमीन की बिक्री से परिवार के आर्थिक संकट का डर उसे सताता था। घटना के बाद से आरोपी अरविंद एक महीने तक पुलिस से बचता रहा। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए कई प्रयास किए और आखिरकार सोमवार को उसे पकड़ने में सफलता मिली। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान अरविंद ने अपनी हरकत स्वीकार की और अब उसे जेल भेज दिया गया है। इस घटना ने समाज में घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवादों की गहराई को उजागर किया है। यह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे संपत्ति या जमीन को लेकर विवाद परिवारों को तोड़ सकता है और ऐसे नतीजों तक पहुंचा सकता है। घटना यह भी दर्शाती है कि समाज में महिलाओं के खिलाफ हिंसा आज भी गंभीर मुद्दा है। ऐसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई और जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। यह मामला महज एक हत्या नहीं, बल्कि परिवार में आपसी समझ और सहिष्णुता की कमी को दिखाता है। यह घटना सभी को यह सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे छोटे-छोटे विवाद बड़े हादसों का कारण बन सकते हैं। समाज और प्रशासन को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा।

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