जयनगर-जनकपुर धाम-कुर्था रेलखंड पर ट्रेन सेवा की होगी पुनर्बहाली

  • भारत-नेपाल रेल परियोजना के तहत प्रथम चरण में नव आमान परिवर्तित

हाजीपुर। 2 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउवा द्वारा हैदराबाद हाउस, नई दिल्ली से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जयनगर-जनकपुर धाम-कुर्था के बीच नव आमान परिवर्तित रेल लाईन पर ट्रेन सेवा की पुनर्बहाली की जाएगी।
भारत वर्षों से नेपाल का एक स्थाई विकास का साझेदार रहा है। यह सिर्फ एक रेल सेवा ही नहीं होगी बल्कि यह दोनों देशों की सदियों पुराने द्विपक्षीय रिश्तों को प्रगाढ़ करने के साधन के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। दोनों देशों के रिश्तों में और मजबूती आए, इसके लिए कनेक्टिविटी अहम है। यही कारण है कि भारत और नेपाल के बीच कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी गई है, जिससे आर्थिक संपन्नता आएगी ही, आपसी संपर्क भी बढेगा। इससे भारत से नेपाल के जनकपुर धाम जानेवाले तीर्थयात्रियों को काफी सुविधा होगी। इस रेल सेवा के शुरू हो जाने के बाद न केवल यात्रा सुगम होगी वरन व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, पर्यटकों के आवागमन में भी सुविधा होगी एवं सीमावर्ती क्षेत्र का तेजी से विकास होगा।
विदित हो कि भारत और नेपाल के बीच लगभग 784 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत से निर्माणाधीन जयनगर-बिजलपुरा-बर्दीबास (69.08 किमी) रेल परियोजना के तहत् प्रथम चरण में नव आमान परिवर्तित 34.50 किमी लंबे जयनगर-जनकपुर धाम/कुर्था (नेपाल) रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन पुनर्बहाल किया जाएगा। इस परियोजना के पहले चरण में बिहार के मधुबनी जिले के जयनगर स्टेशन को नेपाल के कुर्था से जोड़ा जा रहा है। कुर्था से बीजलपुरा तक लगभग 18 किमी लंबे रेलखंड का भी कार्य लगभग पूरा किया जा चुका है जबकि बीजलपुरा से बर्दीबास तक लगभग 16 किमी लंबे रेलखंड के निर्माण का कार्य नेपाल सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के उपरांत प्रारंभ कर दिया जाएगा। यह परियोजना दोनों देशों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
गौरतलब है कि वर्ष 1937 में भारत के जयनगर और नेपाल के बैजलपुर के मध्य नैरो गेज पर ट्रेनों के परिचालन की शुरूआत की गयी थी। वर्ष 2001 में नेपाल में आयी भीषण बाढ त्रासदी में कुछ रेलपुलों के बह जाने के कारण नेपाल में जनकपुर से आगे ट्रेन सेवा बंद करना पड़ा था जबकि जनकपुर से जयनगर तक मार्च, 2014 तक ट्रेनों का परिचालन जारी रहा। इस रेलखंड पर भारत के जयनगर एवं नेपाल के इनरवा स्टेशनों पर कस्टम चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं।
ज्ञातव्य हो कि भारत और नेपाल के बीच ट्रेन से यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा के दौरान फोटो युक्त पहचान पत्र मूल रूप में रखना अनिवार्य होगा।

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