मुख्यमंत्री ने 1000 करोड़ की लागत से बनी पुलिस संबंधित भवनों का किया उद्घाटन और शिलान्यास, बोले- किसी दिन हम बिना बताए पहुंचेंगे थाने

  • हमको पुलिसकर्मियों की अधिक शिकायत मिल रही, इसे दूर करिए ताकि लॉ एंड ऑर्डर और बेहतर हो सके : सीएम नीतीश

पटना। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश ने आज पुलिसकर्मियों को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने राजधानी पटना में आज 1000 करोड़ से अधिक की लागत से बनी पुलिस से संबंधित भवनों का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान सीएम नीतीश पुलिस महकमे के आला अधिकारियों की क्लास लगते हुए भी नजर आए। सीएम ने कहा कि, मुझे आजकल पुलिसकर्मियों को अधिक शिकायत मिल रही है इसे दूर करने की जरूरत है ताकि लॉ एंड ऑर्डर और बेहतर हो सके। मुख्यमंत्री पटना में पुलिस से संबंधित भवनों का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए कहा कि, हमारा शुरू से ही कोशिश रहा है की राज्य की पुलिसकर्मियों को किसी तरह की कठनाई का सामना नहीं करना पड़े। आज बिहार में बहुत संख्या में महिला सिपाही भी हैं, इनलोगों की जरूरतों का ध्यान रखना भी हमारी जिम्मेदारी है। यही वजह है इन नए भवनों में महिला कर्मी के अलग और पुरुष कर्मी के लिए अलग बैठने की व्यवस्था की गयी है। इसके साथ ही कई जगहों पर एक थाने ने दो-दो थानेदार रखें जा रहे हैं। इसमें एक लॉ एंड ऑर्डर पर ध्यान देंगे दूसरा बाकी का काम देखंगे। वहीं, इन बातों के बीच सीएम ने पुलिस महकमे के आला अधिकारियों की शिकायतों का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे आजकल बहुत शिकायत सुनने को मिल रहा है की कई थानों में थानेदार मौजूद नहीं रहते हैं। इसको लेकर हम आला अधिकारियों को बोलते रहते हैं, एक बार रात में पैदल चलकर और कभी गाड़ी से चलकर वहां का हाल देखिये गा न, दिन में भी सुबह-सुबह जाकर भी जायजा लेंगे न की क्या चल रहा है। खाली मोबाइल से वीसी कर नहीं न सब चीज देखा जा सकता है। हम तो कहते हैं फिजकली जगह-जगह आप भी घूमकर देखें की कोई क्राइम करने वाला तो नहीं है। इसके आगे उन्होंने कहा कि हम तो कहीं-कहीं शिकायत सुनते हैं की आजकल अफसर सब घरबे में बैठल रहता है और मोबाइलबे पर बात करता है। बताइये भला इसका कोई मतलब है। आपसब लोग फिजिकल रूप से मौजूद रहे नहीं तो किसी दिन हम खुद पहुंच जाएंगे। बिना कहे हम पहुंच जाएंगे। कभी थाना में पहुंच जाएंगे कभी जिला में देख लेंगे और कहीं जाकर ऑफिस में देखेंगे की अफसर हैं या नहीं। मोबाइल का यूज कीजिये उससे मना नहीं कर रहे लेकिन अपने हित में नहीं बल्कि जनता के हित में करें।

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