हैरत में पड़ गए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा,शिक्षा मंत्री का जवाब सुनकर,मामला शिक्षक नियुक्ति में स्थानीयों को प्राथमिकता देने का
पटना।बिहार विधान परिषद में कल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विधान पार्षद डॉ मदन मोहन झा ने शिक्षक पद पर नियोजन हेतु निर्धारित अहर्ता में राज्य का स्थानीय निवासी होने के अनिवार्यता से संबंधित मुद्दा उठाया था।गौरतलब है कि कई राज्यों में शिक्षक पद की नियुक्तियों में स्थानीय राज्य निवासियों को विशेष तौर पर प्राथमिकता दी जाती है। विधान पार्षद डॉ मदन मोहन झा ने इस ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए तारांकित प्रश्न पूछा कि क्या बिहार में भी शिक्षक नियोजन में स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाती है अथवा नहीं। इस प्रश्न के उत्तर में सरकार ने बेहद विचित्र तरीके से जो जवाब दिया।उसका मतलब यही निकलता है कि सरकार बिहारी प्रतिभा को कमतर आंकती है। शिक्षा मंत्री के तरफ से इसके जवाब में यह कहा गया शिक्षकों के नियुक्ति में गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए सरकार बाहरी राज्य के प्रतिभागियों को आमंत्रित करती है।इशारा साफ है कि बिहार सरकार उन बिहारी युवाओं के प्रतिभा पर शक-शुबह कर रही है।जिसकी प्रतिभा का लोहा पूरा देश मानता है।उल्लेखनीय है की संघ लोक सेवा आयोग के परीक्षा में प्रतिवर्ष सबसे अधिक बिहारी प्रतिभाएं ही चुनी जाती हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार की इस जवाब को सुनकर वो तो हैरत में ही पड़ गए हैं।उन्होंने कहा कि सरकार अगर ऐसा ही सोचती है अन्य राज्यों की सरकारों से बात कर वहां भी बिहारियों के लिए मौका क्यों नहीं स्थापित करवाती है। उन्होंने कहा की बिहार सरकार का यह रवैया दोहरा चरित्र को दर्शाता है।