स्कूलों से बच्चों का नाम काटने पर राज्यपाल का दो टूक, बोले- यह समाधान नहीं, विभाग सोचे

पटना। अपर मुख्य सचिव के के पाठक के सख्त निर्देश के बाद बिहार के शिक्षा विभाग ने स्कूली छात्रों पर बड़ी कार्रवाई हो रही है। सरकारी विद्यालयों में तीन दिन से अधिक अनुपस्थित रहे विद्यार्थियों के नाम काट दिए गए हैं। इसके बाद इस मामले में बिहार के राज्यपाल राजनाथ आर्लेकर ने बिना नाम लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पर तल्ख़ टिप्पणी की है। राज्यपाल ने भागलपुर में टीएमबीयू के सीनेट की बैठक में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में बिना किसी ठोस वजह के तीन दिन स्कूल नहीं आने वाले स्टूडेंट का नाम काट दिए गए। क्या किसी ने यह जानने की कोशिश किया कि बच्चे स्कूल क्यों नहीं आ रहे थे। बच्चों से यह सवाल किया जाना चाहिए था न कि कहीं उनके घर में कोई परेशानी तो नहीं है। राज्यपाल ने कहा कि आज हम शिक्षा का स्तर बढ़ाने की बात करते हैं लेकिन आज भी प्राइमरी स्कूल में बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। लाखों बच्चे के नाम इसलिए काट दिए गए क्योंकि वह तीन दिन से अधिक स्कूल से गायब रहे। ऐसा करके क्या हमारे बच्चे स्कूल में आएंगे। यह गर्व की बात नहीं है बल्कि शर्म की बात है। बड़ी संख्या में एडमिशन लेने के बावजूद यह भी बच्चे नहीं आ रहे हैं तो क्या हमने यह जानने का प्रयास किया कि आखिर उनके साथ क्या मजबूरी है हमने उनके घर जाकर यह देखने की कोशिश किया कि उनके घर वाले क्यों नहीं है स्कूल भेज पा रहे हैं ? क्या हमने कभी यह प्रयास किया कि हम उन बच्चों को किस तरह से मदद कर सकते हैं। अगर यह काम करते हैं तो इसको कहते हैं हम शैक्षणिक वातावरण अगर यह काम हम नहीं कर पा रहे हैं तो फिर हम एक बेहतर शैक्षणिक वातावरण स्थापित नहीं कर पा रहे हैं। उधर, राजपाल ने कहा कि यदि हम शैक्षणिक वातावरण को सही नहीं कर सकते हैं तो चाहे कितने भी यूनिवर्सिटी खोलने या कॉलेज खोल दे या स्कूल खोलने कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है हर जगह यही हाल रहेगा। पहले छात्रों को यह अलग नहीं लगना चाहिए कि मेरी कोई भी समस्या है तो मैं सीधा टीचर के सामने रखेगा तो उसका हाल होगा तभी वह आपके पास साथ जुड़ेंगे।

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