महान संतों की कृपा से ही देश में चल रहा सांप्रदायिक सद्भाव का स्वर्णकाल : रेणु देवी

फतुहा। संत कबीर रचित उक्त पंक्ति का उल्लेख करते हुए उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने आचार्य गद्दी कबीर पीठ फतुहा में आयोजित सांप्रदायिक सौहार्द मेला में कहा कि कबीर दास जी जैसे महान संतों की कृपा से ही अभी देश में सांप्रदायिक सद्भाव का स्वर्णकाल चल रहा है। पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार द्वारा न तो किसी के साथ भेदभाव और न ही किसी का तुष्टिकरण किया जा रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कुछ पूर्व नियोजित घटनाएं अवश्य हुई हैं, लेकिन उस पर संबंधित सरकार द्वारा कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इन पूर्व नियोजित घटनाओं का उद्देश्य भारत की छवि को खराब करना रहा है। बिना किसी भेदभाव के योजनाओं का लाभ सभी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का नारा है ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’।
रेणु देवी ने कहा कि कबीरदास जी का जीवन ही साम्प्रदायिक सौहार्द का उत्तम उदाहरण है। मान्यता है कि उनका जन्म हिंदू परिवार में हुआ और पालन नीरू नाम के जुलाहे के यहां हुआ। कबीरदास जी को हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों में बराबर का सम्मान प्राप्त था। यही कारण था कि उनकी मृत्यु के बाद उनके शव के अंतिम संस्कार को लेकर दोनों समुदायों में विवाद हो गया। इस विवाद में जब उनके शव से चादर हटी तो वहां फूलों का ढेर था। दोनों संप्रदाय के लोगों ने आधा आधा फूल लेकर अपने तरीके से उनका अंतिम संस्कार किया। कबीरदास जी का जीवन-दर्शन सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और मानव धर्म पर आधारित था। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सदगुरु कबीर महोत्सव-सह-सांप्रदायिक सौहार्द मेला आयोजित करने के लिए महंत ब्रजेश मुनि जी समेत आयोजकों को साधुवाद दिया तथा आशा व्यक्त कि ऐसे आयोजनों से देश में सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ने में मदद मिलेगी।

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