गर्ल्स स्कूल के जरूरत का मलबा गिरा,बाल-बाल बची शिक्षिका

फतुहा। सोमवार को प्रखंड के एक मात्र गर्ल्स स्कूल व्यापार मंडल कन्या उच्च विद्यालय में जर्जर छत से टुटकर मलवा गिरा। इस घटना मे स्टाफ रुम मेें बैठी एक शिक्षिका प्रियंका रानी बाल बाल बच गई। यह मलवा उनके बगल स्थित एक टेबुल पर गिरा। वंहा कार्यरत शिक्षिकाओं की माने तो तीन दिन पहले भी वर्ग दशम की जर्जर छत की मलवा चलती क्लास में गिरा था तथा छात्राएं संयोग से चोटिल होने से बच गयी थी । 1955 मेें सात कमरे का बने इस हाईस्कूल की भवन बिल्कुल जर्जर हो चुकी है। मरम्मत के अभाव में सालों पहले से छत व दिवार का पल्सतर झड़ना शुरु हो गया था। इससे सम्बंधित खबर बीते पांच जनवरी के अंक में प्रकाशित भी की गई थी लेकिन इसके बावजूद भी इस स्कूल की जर्जर भवन पर न तो ध्यान दिया गया और न ही मरम्मत करायी गयी। नतीजा यह रहा कि दिन पर दिन स्कूल के कमरे के छत का मलवा गिरना शुरु हो गया है। इस स्थिति मे कब क्या हो जाए, कहना मुश्किल है। वर्तमान की बात करे तो इस हाईस्कूल मेें वर्ग नवम व दशम मेें कुल एक सौ तेरह छात्राएं नामांकित हैं जो प्रतिदिन हादसों की साए में पढ़ने आती हैं। इस स्कूल मे दस शिक्षक हैं जिनमें छह महिला शिक्षक हैं। तीन नन टीचिंग स्टाफ भी हैं। लेकिन इनके लिए कोई शौचालय भी नही है। सभी कमरे क्षतिग्रस्त हैं। इसी स्कूल की एक शिक्षिका अनुपम कुमारी ने बताया कि इस सन्दर्भ मे कई बार जिला शिक्षा अधीक्षक, बीइओ, तथा स्थानीय नगर निकाय को लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी है लेकिन इस पर कभी ध्यान नही दिया गया। प्रभारी प्रधानाचार्य चन्द्र कांत कुमार ने बताया कि इस स्कूल का अपना कोई प्रबंधन समिति का गठन नही है। इसी कारण इस स्कूल के विकास फंड का कोई उपयोग नही हो पाता है। यही कारण है कि लोग इस स्कूल के प्रति कोई ध्यान नही देते हैं। बीइओ गुप्त नारायण सिंह के अनुसार छत के सिलिंग गिरने का मामला संज्ञान में आया है, मरम्मती का कार्य कराया जाएगा।

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