गया में पूर्व CM जीतनराम मांझी की प्रमंडल आयुक्त को चेतावनी : बोले- अगर फुटपाथियों का रोजगार छीना तो वे नक्सली बन जाएंगे
गया। बिहार के गया में पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा कमिश्नर से मोबाइल फोन पर फुटपाथियों की पैरवी का अनोखा अंदाज देखने को मिला। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सीधे पर तौर पर कमिश्नर को धमकी दे दी है कि बोधगया के 70-80 फुटपाथियों का रोजगार हाथ से चला गया तो तय है कि वे नक्सली बन जाएंगे या फिर भिखारी। लिहाजा अच्छा होगा कि आप खुद या अपने मातहतों को भेज कर मसले को देखें, समझें और ठोस निर्णय लें। ताकि उनका रोजगार बना रहे। दरअसल, बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर के बाहर करीब 500 मीटर दूर फुटपाथ दुकानदारों का कब्जा था। उस कब्जे को पुलिस- प्रशासन ने सुरक्षा का हवाला देते हुए उन्हें हटा दिया है। तब से फुटपाथ दुकान यहां बेमियादी धरने पर बैठे हैं। उस धरने पर सोमवार की दोपहर करीब 11 बजे पूर्व मुख्यमंत्री जीनत राम मांझी पहुंचे और उनका हाल जाना। इसके बाद उन्होंने लगे हाथ मगध प्रमंडल के आयुक्त को फोन लगाया। फोन पर दोनों की बातचीत हुई।

वही पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी तरफ से फुटपाथियों का पहले पक्ष रखा साथ में यह भी कहा कि मैंने अपने 42 साल के राजनीतिक करियर में कभी गलत काम के लिए न फोन किया है और न ही दबाव बनाया है। मामला बोधगया के फुटपाथी दुकानों का है। जीनतराम मांझी ने कहा की यह मामला 70 से 80 फुटपाथियों का नहीं बल्कि परिवार का है। जिन्हें फुटपाथ पर से हटा दिया गया है। ऐसे में इनका रोजगार चला जाता है तो यह तय है कि ये नक्सली बन जाएंगे या फिर भिखारी। नक्सली की समस्या से हम-आप जूझ ही रहे हैं। बेहतर यही होगा कि समस्या को समझे बगैर प्रशासन निर्णय न ले। उन्हें रोजगार के लिए उचित जगह पर बसाए, जहां से उनका रोजगार फलता फूलता रहे।

