पटना में आज से 20 अप्रैल तक चलेगा अग्निशमन सेवा सप्ताह, लोगों को जागरूक करने का होगा प्रयास
पटना। अगलगी की घटना को लेकर लोगों को जागरुक करने के लिए डीएम चंद्रशेखर सिंह ने जिला अग्निशमन पदाधिकारी को बड़े पैमाने पर अभियान चलाने का निर्देश दिया है। पटना डीएम ने निर्देश दिया है कि आम जनमानस के बीच अगलगी की घटनाओं को रोकने के लिए और जानमाल की सुरक्षा के लिए क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए इसको लेकर समुचित प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने गैस सिलेण्डर से खाना बनाने के दौरान आग से सुरक्षा एवं बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करने को कहा है। दरअसल लोगों की छोटी सी लापरवाही से अगलगी की बड़ी घटना हो जाती है, इसलिए डीएम ने कहा है कि लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि समुचित प्रचार-प्रसार से अगलगी की घटनाओं को रोका जा सकता है और जानमाल की सुरक्षा की जा सकती है। डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि अग्नि की विभीषिका से बचाव के लिए ‘मानक संचालन प्रक्रिया’ (स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसीजर, एसओपी) का अनुपालन किया जाना अनिवार्य है। गैस सिलेण्डर से खाना बनाने के दौरान असावधानियां होने पर आग की घटनाएं घटित हो जाती है। ऐसे में इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए क्या करें, क्या न करें संबंधी ध्यान देने योग्य बातें निम्नवत् है जिसको लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलानी है।
गैस सिलेण्डर हमेशा खड़ा रखें,शहरी क्षेत्र के लोग इन बातों पर दें ध्यान
इसके अलावा गैस स्टोव को गैस सिलेण्डर के स्तर से सदैव ऊंचे प्लेटफॉर्म पर रखें, जलते हुए चुल्हे को पहले रेगुलेटर से उसके बाद स्टोव वाल्व से बंद करें, रेगुलेटर का पाईप समय-समय पर साफ करते रहें एवं समय पर पाईप बदल दें, किचेन में एक सूती कपड़ा भिंगोकर हमेशा रखें ताकि आपात स्थिति में आग लगने पर बुझाया जा सके, खाना बनाते समय एक बाल्टी पानी के साथ मग अवश्य रखें, एक प्रोटेबल अग्निशमन यंत्र 04 केजी एबीसी टाईप किचेन में अथवा दरवाजे के पास बाहर रखें, कपड़ों में आग लगने पर भागे नहीं बल्कि जमीन पर लुढ़कें अथवा कम्बल से लपेटकर रोल करें, किचेन में हमेशा एक ही सिलेण्डर रखें। अगलगी से बचने के लिए इन चिजों पर भी धयान देना चाहिए। सिलेण्डर को यथासंभव बंद स्थान में न रखें, चुल्हे पर उबलते हुए चाय, दूध आदि को छोड़कर किचेन से बाहर न जायें, खाना बनाते समय ढीला-ढाला वस्त्र का प्रयोग न करें, अगर किचेन में गैस की गंध आ रही तो इलेक्ट्रिक पैनल / स्वीच के साथ छेड़-छाड़ न करें। माचिस, सिगरेट, लाईटर एवं गैस सिलेण्डर को बच्चों के पहुंच से दूर रखें और बच्चों को कभी अकेले रसोई घर में न जाने दें। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अग्नि सुरक्षा से संबंधित ध्यान देने योग्य बात ये है कि एक बड़े से ड्रम में पानी हमेशा भरकर घर या खेत खलिहानों में रखें, कुछ छोटी बाल्टी में रेत या बालू रखें, एक-दो जूट की पुरानी बोरी को पानी में भीगों कर रखें, रोशनी के लिए बैट्री वाले संयंत्र जैसे टार्च, इमरजेंसी लाईट आदि का प्रयोग करें। बिजली के जोड़ को कभी भी प्लास्टिक से नहीं बांधें, बिजली के कनेक्शन के लिए कम या खराब गुणवत्ता वाले तार का प्रयोग न करें, खलिहान के आस-पास बीड़ी, सिगरेट स्वयं न पीयें और न किसी अन्य को पीने दें। डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने जिला अग्निशाम पदाधिकारी को लोगों के बीच आग की घटनाओं से बचने के लिए सभी क्षेत्रों में संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित करने का भी निर्देश दिया है।