फतुहा : ‘बेटा-बेटी एक समान, सबको बराबर का अवसर मिले’

  • पोस्टर प्रर्दशनी एवं जागरूकता रैली का आयोजन

फतुहा। विश्व युवक केन्द्र दिल्ली एवं प्रेम यूथ फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह समारोह के अंतर्गत डेफोडिल्स पब्लिक स्कूल में पोस्टर प्रर्दशनी एवं जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्रतिमा, दूसरा वर्तिका राज एवं तीसरा स्थान रागनी कुमारी को प्राप्त हुआ, जबकि भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान निशा कुमारी, दूसरा स्थान प्रिया भारती एवं तीसरा स्थान प्रिया सागर को प्राप्त हुआ। सभी सफल प्रतिभागियों को शील्ड और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। मौके पर मल्टी प्वाइंट साइंस क्लब के संयोजक मनोज सिन्हा, खुशहाली किसान युवा क्लब के सचिव सुधीर कुमार सिंह, स्वतंत्र पत्रकार श्याम सुंदर केसरी, नटराज क्लब के विनोद कुमार सिंह, संगीत शिक्षक अवधेश कुमार, श्रवण राज, नेहरू युवा केन्द्र पटना के एनवाईवी रवि प्रकाश समेत स्कूल के शिक्षक और छात्र मौजूद रहे।
महिलाओं का उत्पीड़न बदस्तूर जारी
इस मौके पर फाउंडेशन के संस्थापक गांधीवादी प्रेम जी ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पाश्चात्य भारत में महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षा निरंतर एक संवेदनशील मुद्दा और चर्चा का विषय रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस दौरान भारतीय नारी शक्ति ने शैक्षणिक, राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, प्रशासनिक, खेलकूद आदि विविध क्षेत्रों में उपलब्धियों के नए आयाम तय किये हैं। आज की महिलाए स्वावलंबी, आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर है, जिन्होंने पुरुष प्रधान चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी अपनी योग्यता प्रदर्शित की है। आज हमारी बेटियां समाज के हर एक क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर रही है। परंतु हमारे समाज का एक स्याह पहलू यह भी है कि आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी महिलाओं का उत्पीड़न बदस्तूर जारी है। कई महत्वपूर्ण कानूनों की व्यवस्था के बाद भी आये दिन महिलाओं पर होने बाले अत्याचारों की संख्य में कोई कमी आती नहीं दिख रही है। वर्तमान समय में भारत सरकार महिला सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए अनेक कार्यक्रमों एवं योजनाओं का संचालन तो किया जा रहा है लेकिन इन योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक नहीं पहुंच पा रहा है। महिलाओं को आपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनना होगा
वहीं बीडीओ धर्मवीर कुमार ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनना होगा, साथ ही अपना सोच बदलने की जरूरत है। सरकार महिलाओं के लिए दर्जनों योजनाओं को क्रियान्वित कर रही है। बेटा-बेटी एक समान है, सबको बराबर का अवसर मिले। पंचायत से बड़े पैमाने पर महिला विभिन्न पदों पर चयनित होकर आ रही है। वहीं स्कूल के संचालक संजय कुमार सिन्हा ने बेटियों से आह्वान किया कि डरो नहीं लड़ो। शिक्षा सबसे बड़ा औजार है।

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