सिमुलतला आवासीय विद्यालय की तर्ज पर राज्य के सभी प्रमंडलों में होगी आवासीय विद्यालय की स्थापना : शिक्षा मंत्री

पटना। बिहार के जमुई जिले में स्थापित सिमुलतला आवासीय विद्यालय की तर्ज पर राज्य के सभी प्रमंडलों में एक-एक आवासीय विद्यालय की स्थापना की जाएगी। इन विद्यालयों में वर्ष 2024 से नामांकन शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके बाद के चरण में हर जिले में इस तरह के आवासीय विद्यालय स्थापित किये जाएंगे। शिक्षा विभाग के सभागार में विभागीय मंत्री प्रो. चंद्रशेखर की अध्यक्षता में सिमुलतला शिक्षा सोसाइटी की सामान्य सभा की बैठक में इस पर सहमति बनी। इसी क्रम में संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जिलों में उपयुक्त स्थान की पहचान कर उनकी भौगोलिक स्थिति, भवन की उपलब्धता आदि की विवरणी 20 जून तक उपलब्ध कराएं ताकि उसपर उच्च स्तरीय निर्णय लिया जा सके। बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़, आधुनिक तथा वर्तमान जरूरतों के अनुसार बनाने के लिए इसका पुनर्गठन किया जा रहा है। इन विद्यालयों के बेहतर समन्वय तथा कार्य को तेज गति से पूरा करने के उद्देश्य से पटना में कैंप कार्यालय खोलने तथा अकादमिक विशेष कार्य पदाधिकारी के मनोनयन की भी स्वीकृति दी गई। निदेशक माध्यमिक शिक्षा को यह निर्देश दिया गया कि सोसाइटी के पटना में कैंप कार्यालय खोलने के लिए आवश्यक कार्य शीघ्र पूरा करें। पटना कैंप कार्यालय के कार्यालय संचालन के लिए न्यूनतम कर्मियों का निर्धारण एवं उनकी प्रतिनियुक्ति आदि भी त्वरित गति से करने का निर्देश दिया गया।
उच्च शिक्षा में छात्र-छात्राओं की संख्या समान करने को बनेगी योजना
राज्य में उच्च शिक्षा ग्रहण करने वालों में छात्र और छात्राओं की संख्या बराबर कैसे हो, इसको लेकर शिक्षा विभाग कार्ययोजना बनाएगा। शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसका निर्णय लिया गया। छात्र-छात्राओं का अनुपात बराबर करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाने चाहिए, इसका निर्धारण जल्द ही होगा। उच्च शिक्षा में नामांकित विद्यार्थियों में लड़के-लड़कियों का अनुपात अभी 10080 है। बैठक में निर्णय लिया गया कि एनसीटीई द्वारा निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता वाले शिक्षकों के चयन के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा। शिक्षकों के चयन में भी प्रारंभिक परीक्षा वस्तुनिष्ठ, मुख्य परीक्षा विषयनिष्ठ तथा ग्रुप डिस्कशन, डेमो क्लास और साक्षात्कार को आधार बनाया जाएगा। इसी प्रकार नामांकन प्रक्रिया में भी बदलाव करने पर सैद्धांतिक सहमति बनी, जिसमें प्रारंभिक परीक्षा वस्तुनिष्ठ रूप में तथा मुख्य परीक्षा विषयनिष्ठ रूप में ली जाएगी।

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