सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 25 लाख का इनामी गौतम पासवान और 10 लाख का इनामी संजीत भुईया ढेर

गया। झारखंड राज्य के चतरा जिला अंतर्गत लावालौग जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुए भीषण मुठभेड़ में बिहार झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य के अलावा चार हार्डकोर नक्सली के मारे जाने की खबर से पुलिस महकमा में खुशी देखी जा रही है। इस घटना में इमामगंज पुलिस अनुमंडल अंतर्गत दो अलग-अलग थाना के दो नक्सली कि मारे जाने की सूचना मिली है। जिसमें इमामगंज पुलिस अनुमंडल अंतर्गत छकरबंधा थाना क्षेत्र के महुराव गांव के रहने वाले गौतम पासवान उर्फ ब्रह्मदेव जी और मैगरा थाना क्षेत्र के हरनी खजुरा गांव के रहने वाले संजीत भुइयां उर्फ सागर जी शामिल है। गौतम पासवान के बारे में पुलिस ने बताया कि बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के यह सदस्य था और इस पर झारखंड सरकार ने 25 लाख रूपये का इनाम रखा था। वही जोनल कमांडर के पद पर कार्य कर रहा संजीत भुइयां पर झारखंड सरकार ने दस लाख रूपये का इनाम रखा था। इमामगंज पुलिस अनुमंडल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गौतम उर्फ ब्रह्मदेव जी पर डुमरिया थाना में पांच, इमामगंज थाना में दो, लुटुआ में तीन नक्सली कांड दर्ज है। वही संजीत भुइयां पर लुटुआ थाना में चार, इमामगंज में तीन, डुमरिया में तीन और छकरबंधा में एक नक्सली कांड दर्ज है। घटना के संबंध में बताया जाता है कि पलामू और चतरा जिला पुलिस के अलावा सीआरपीएफ, कोबरा, जैक, आइआरबी को सूचना मिली कि लावालौंग जंगली इलाका में कई नामी नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए आए हुए है। इसी सूचना पर सुरक्षा बलों ने घेराबंदी करते हुए जंगल पहुंचे। तभी नक्सलियों के द्वारा गोलीबारी शुरू कर दिया। सुरक्षा बलों ने भी अपना पोजीशन लेते हुए अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दिया। जिसमें बिहार झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य गौतम पासवान, संजीत भुइयां, अमर गंजु, नंदू जी व अजित चार्ली को सुरक्षा बलों ने मार गिराया। इन नक्सलियों के पास से सुरक्षा बलो ने कई अत्याधुनिक हथियार बरामद किया है। इधर पुलिस सूत्रों ने बताया कि इन दोनों को पुलिस काफी दिनों से टारगेट पर रखी हुई थी। जिसका परिणाम हुआ कि सोमवार को सुरक्षाबलों ने पांचो नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया। इन नक्सलियों के मारे जाने के बाद सुरक्षा बलों ने राहत की सांस ली है। भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता संदीप यादव के मौत के बाद गौतम पासवान को सुरक्षाबलों ने तलाश ख़फ़ी दिनों से कर रही थी लेकिन गौतम पासवान पुलिस पकड़ से दूर था और आपराधिक घटना का अंजाम दे रहा था।

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