मंत्री रामसूरत राय बोले- बाहर रह रहे बिहारी कर लें अपनी जमीन का फिजिकल वेरिफिकेशन, वर्ना जाना पड़ेगा….

पटना। जो लोग राज्य के बाहर रहते हैं वे एक बार अपने घर आकर अपनी जमीन का फिजिकल वेरिफिकेशन करें और कैंप के पदाधिकारी से मिलकर जांच जरूर करवा लें। ऐसा न हो कि भविष्य में आपको सिविल कोर्ट जाना पड़े। अभी सरकार की ओर से खुली व्यवस्था है, एक-एक चीज के निराकरण के लिए अफसर और कर्मचारी तैनात हैं। उक्त बातें राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने भू-अभिलेख और परिमाप निदेशालय द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के दौरान कहा।
मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि ‘भूमि के हवाई सर्वे का काम पूरा करने के बाद फिजिकल वेरिफिकेशन का काम हो रहा है। 20 जिलों में यह काम चल रहा है। ऐसे 40 गांव तैयार हैं, जिसके खतियान अक्टूबर से दिए जा सकेंगे। उसके पहले कई तरह के कार्य होना बाकी है। आपत्ति लेने के बाद उसके निराकरण के पश्चात ही खतियान दिए जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि 22 जनवरी से शेष बचे 18 जिले में सबसे पहले बड़े जिलों में सर्वे का काम शुरू कर दिया जाएगा। वहीं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि विभाग की एक्टिविटी से लोगों में जागरूकता आई है। 4 करोड़ जमाबंदी में से तीन करोड़ 76 लाख का डाक्युमेंटेंशन किया गया है।
राज्य में चल रहा विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्ती कार्य
भू-अभिलेख और परिमाप निदेशालय द्वारा जारी वार्षिक प्रतिवेदन में बताया गया है कि 2019 में तकनीकी मार्गदर्शिका भी अधिसूचित की गई। वर्तमान में इसी अधिनियम और नियमावली के आलोक में राज्य में विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्ती का कार्य प्रारंभ किया गया है।
वार्षिक प्रतिवेदन में विस्तार से बताई गई उपलब्धियां
राज्य में 38 जिलों के 534 अंचल अंतर्गत 45899 गांवों में विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्त का कार्य प्रारंभ करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा 2012, 2015 और 2016 में विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्त अधिनियम 2011 की धारा-3 के आलोक में सभी जिलों को अधिसूचित कर दिया गया है। 2019-20 के अंत तक विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्त कार्यक्रम में कार्यबल की कमी को पूरा करने के लिए 6225 संविदा आधारित विशेष सर्वेक्षण कर्मियों के नियोजन का कार्य पूर्ण किया गया। वार्षिक प्रतिवेतन में हाल में हुई अन्य नियुक्तियों, प्रशिक्षण आदि के बारे में विस्तार से बताया गया है। उन सुविधाओं की चर्चा भी है, जो इस सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्य रूप से राज्य में संचालित कार्यक्रम और योजनाएं
– राज्य में विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्त का कार्य
– भू-अभिलेखों का कम्प्यूटराइजेशन, राजस्व मानचित्रों का डिजिटलाइजेशन और सर्वसुलभ उपलब्धता सुनिश्चित करना
– आधुनिक अभिलेखागार भवन का निर्माण और संचालन
– राजस्व सर्वे प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से नवचयनित और कार्यरत कर्मियों का क्षमतावर्द्धन
– डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के विभिन्न कार्यों का क्रियान्वयन

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