मंत्री ने कहा- आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को मिलने वाले भोजन के मेन्यू में विविधता और पौष्टिकता जरूरी, केन्द्रों की हो नियमित मॉनिटरिंग

* मंत्री मदन साहनी के अध्यक्षता में आईसीडीएस की प्रथम समीक्षात्मक बैठक आयोजित
* कोरोना काल के बाद खुले केन्द्रों की व्यवस्थात्मक आवश्यकताओं एवं सुधारों पर हुई चर्चा


पटना। समाज कल्याण विभाग अंतर्गत अपना घर सक्षम के सभागार में मंत्री मदन साहनी की अध्यक्षता में समेकित बाल विकास विभाग के जिला प्रोग्राम पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव, अतुल प्रसाद, विशेष सचिव दयानिधान पांडेय, आईसीडीएस के प्रभारी निदेशक राज कुमार, मंत्री के आप्त सचिव अभिजीत कुमार एवं विजय कुमार चौधरी तथा आईसीडीएस निदेशालय के सभी नोडल पदाधिकारी एवं सभी जिलों के डीपीओ उपस्थित थे।
सुपोषित बच्चे रखेंगे पोषित समाज की नीव
बैठक में अपने संबोधन में मंत्री मदन साहनी ने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में नामांकित बच्चों को समुचित पोषण की उपलब्धता एक पोषित समाज के निर्माण में अहम भूमिका अदा करता है। केन्द्रों पर बच्चों को मिलने वाले भोजन के मेन्यू में विविधता और पौष्टिकता रहनी चाहिए ताकि बच्चे केंद्र की तरफ आकर्षित हों और उन्हें पोषणयुक्त भोजन प्राप्त हो सके। मंत्री ने कहा कि केन्द्रों पर बांटे जा रहे पौष्टिक लड्डू पोषक हैं किन्तु रागी के समावेश के कारण उनके स्वाद में जो कड़वापन आता है, उसे दूर करने की आवश्यकता है। इसके लिए विशेषज्ञों की सलाह लेकर रागी का कोई विकल्प तलाश किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस विभाग में सभी स्तर पर मुख्यत: महिला पदाधिकारी और कर्मी हैं, जिन पर बच्चों के सर्वांगीण विकास का दायित्व है इसलिए उनके व्यवहार में ममत्व झलकना चाहिए, ऐसी अपेक्षा है।


केन्द्रों का हो सुचारू रूप से संचालन
मंत्री ने कहा, सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों की नियमित मॉनिटरिंग की जानी चाहिये। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी नामांकित बच्चों की केंद्र पर नियमित उपस्थिति दर्ज हो और आईसीडीएस द्वारा दी जानेवाली सभी सेवाएं प्रदान की जाएं। आमजनों को भी आइसीडीएस की सेवाओं के प्रति जागरुक करने हेतु व्यापक प्रचार प्रसार करवाया जाए।
केंद्र पर हो बच्चों के नामांकन में पारदर्शिता
वहीं बैठक को संबोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने कहा, सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर वास्तविक लाभार्थियों का नामांकन हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चे पर्याप्त संख्या में केन्द्रों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करायें। नवंबर माह के अंत तक सभी केन्द्रों में नामांकित बच्चों का सत्यापन किया जाये। कहा कि ‘आंगन’ एप के माध्यम से इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए ताकि केंद्र पारदर्शी एवं सुचारू तरीके से संचालित हों। अब आंगनवाड़ी केंद्र के लाभार्थियों को पोषाहार की राशि डीबीटी के माध्यम से की जानी है और जहानाबाद एवं लखीसराय जिलों में इसकी शुरूआत हो चुकी है।

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