गया में जीतनराम मांझी ने तेजस्वी यादव से की शराब शुरू कराने की मांग, बोले- इसके बिना यहां पर्यटक नहीं आएंगे

  • बौद्ध महोत्सव में बोले पूर्व मुख्यमंत्री, कहा- एक बार आप भी सीएम नीतीश से बात करें, इससे यहां राजस्व बढ़ेगा

गया। बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार यह कहते हुए नजर आते हैं कि, राज्य में इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा। लेकिन, दूसरी तरफ उनके ही गठबंधन में शामिल दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने लगातार यह मांग कर रहे हैं कि, इस कानून को वापस लिया जाए इससे बेहद नुकसान हो रहा है।  इसी कड़ी में उन्होंने अब अपनी यह मांग बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पास भी रख दी है। दरअसल, गया में भगवान बुद्ध की तपोभूमि बोधगया के कालचक्र मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे तेजस्वी यादव के सामने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने खुले मंच से यह कह दिया कि, राज्य में वापस से शराब चालू होना चहिए। मांझी ने अपने मगही अंदाज में कहा कि, तेजस्वी बाबू बिहार में फेर से शराब चालू करवा देहू, एकरा बारे में मुख्यमंत्री जी से भी बात करहु। इसके आगे मांझी ने कहा कि, गया और बिहार में देश-विदेश से पर्यटक आ रहे हैं। लेकिन, कोई भी यहां रुक ही नहीं रहे हैं, थोड़ी देर घूमकर सीधे बनारस और पड़ोसी राज्य झारखंड के हजारीबाग जा रहे हैं, जिससे राजस्व काफी नुकसान हो रहा है। जब बाहर के पर्यटक रुकेंगे ही नहीं तो विदेशी मुद्रा से राजस्व कैसे बढ़ेगा? इसलिए हम सीएम नीतीश जी से अंदर-अंदर ही शराबबंदी को समाप्त करने के लिए मांग करेंगे। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जी से भी कह रहे हैं इसे समाप्त करने के लिए उन्हें कहे। प्रतिबंध लगाने से बोधगया का पर्यटन घट गया है।

अगर यहां शराबबंदी हटेगा तो बिहार के पर्यटक बिहार में ही रुकेंगे और इससे बिहार की आय बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि, शराबबंदी हटने से पर्यटन में 10 गुना बढ़ोतरी होगी। बोधगया अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल कहने से नहीं, बल्कि विदेशी मेहमानों को खाने-पीने के चीजों को प्रबंध करने से अंतरराष्ट्रीय स्थल कहलाएगा। बौद्ध महोत्सव का शुभारंभ डिप्टी सीएम ने किया। बौद्ध महोत्सव तीन दिनों तक चलेगा। कार्यक्रम में सूफी गायक कैलाश खेर अपनी प्रस्तुति देंगे। उनके आगमन को लेकर बोधगया और गया के लोगों के बीच खासा उत्साह है। लोग दूर दूर से इस कार्यक्रम का लुत्फ उठाने के लिए आ रहे हैं। बौद्ध महोत्सव दो वर्ष बाद मनाया जा रहा है। कोरोना की वजह से महोत्सव नहीं मनाया जा रहा था, लेकिन अब कोरोना जैसी समस्या अब नहीं है। सब कुछ पटरी पर लौट चुका है।

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