दरभंगा के बर्निंग ट्रेनों ने रेलवे की उड़ाई नींद, दरभंगा की घटनाएं संयोग या साजिश..?

समस्तीपुर।(संजय ज्योति)रेल मंडल के दरभंगा  स्टेशन स्थित यार्ड में शनिवार की सुबह दरभंगा-अहमदाबाद एक्सप्रेस की स्पेयर जनरल बोगी में आग लग गई। दो दिन पहले  भी बिहार संपर्क क्रांति के रैक में आग लगी थी। शनिवार की घटना के बाद सभी हतप्रभ हैं। इन बर्निंग ट्रेनों ने रेलवे प्रशासन की नींद उड़ा दी है। गनीमत रही कि दोनों घटनाओं में अनहाेनी नहीं हुई, लेकिन रेलवे की करोड़ों की संपत्ति तो बेशक नष्‍ट हो गई। महज 60-65 घंटे के अंदर दो ट्रेनों में अगलगी के पीछे कोई साजिश तो नहीं है या महज संयोग है, इस पर कोई खुलकर बोलना नहीं चाह रहे हैं। अलबत्‍ता हर कोई इन घटनाओं से अचंभित है। रेल प्रशासन भले ही रेलवे की सुरक्षा को ले बड़े-बड़े दावे करता रहे, लेकिन घटनाओं ने रेल प्रशासन की पोल खोल दी है। इधर, घटना के बाद समस्तीपुर से एडीआरएम मौके पर पहुंच जांच में जुटे हुए हैं। उन्‍होंने बताया कि अभी जांच चल रही है। घटना के संबंध में उन्होंने फिलहाल कुछ भी बताने से इनकार किया।

मिल रही  जानकारी के अनुसार, शनिवार की सुबह दरभंगा-अहमदाबाद एक्सप्रेस दरभंगा स्टेशन स्थित यार्ड में खड़ी थी। तभी उसमें आग लग गई। आग की लपटें व उससे उठते धुएं को देख लोगों में अफरातफरी मच गई। लोगों की भीड़ मौके पर पहुंची। पता चला कि ट्रेन के जनरल कोच की स्पेयर बोगी में आग लगी हुई है। धू-धू कर बोगी जल रही है।

घटना की सूचना मिलते ही आरपीएफ इंस्पेक्टर जवाहर लाल, जीआरपी थाना अध्यक्ष सुनील कुमार द्विवेदी, स्टेशन अधीक्षक अशोक कुमार सिंह, सहायक अभियंता दिलीप कुमार सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए। वे सब स्‍थानीय लोगों की मदद से आग को काबू करने में लगे हैं। आग कैसे लगी, यह अभी तक पता नहीं चल पाया है। दो दिनों के अंदर दूसरी घटना ने रेलवे महकमे में हड़कंप मचा दिया है। यार्ड में पहले भी हो चुके हैं हादसे: दरभंगा  जंक्शन के यार्ड में इस तरह के हादसे पहले भी हो चुके हैं। एक दशक पूर्व बागमती एक्सप्रेस की दो बोगियां आग की भेंट चढ़ गई थीं। बावजूद इसके बाद भी रेल प्रशासन यार्ड की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।

दरभंगा जंक्शन के उत्तर में स्थित यार्ड करीब एक किमी में फैला हुआ है। दो वाशिंग पिट भी बने हुए हैं। उत्तर में रैंक प्वांइट है। इसके बाद भी सुरक्षा में लापरवाही का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यार्ड दो दिशाओं से खुला हुआ है। न कोई चहारदीवारी का इंतजाम है, न ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोई पुख्ता व्‍यवस्‍था।

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