PATNA : सरकार की लापरवाही से बढ़ा चौथी लहर का खतरा, भीड़भाड़ वाले इलाकों में अब भी जांच की व्यवस्था नहीं
पटना। कोरोना की चौथी लहर आने की जतायी जा रही आशंका और देश के कुछ राज्यों में एक बार फिर कोरोना के मरीजों की बढ़ रही संख्या के बावजूद को कोरोना जांच सिर्फ सरकारी अस्पतालों तक ही सिमटा हुई है। सदर अस्पताल के अलावे सभी अनुमंडलीय व पीएचसी में कोरोना जांच के साथ-साथ टीकाकरण भले ही चल रहा है, लेकिन भीड़भाड़ व सार्वजनिक जगहों पर कहीं जांच की व्यवस्था नहीं है। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड में पूर्व में की गयी जांच की व्यवस्था इन दिनों नदारद है। हालांकि जिले में अभी पिछले कई महीने से कोरोना अधिक संक्रमित मरीज नहीं मिले हैं। लेकिन सरकार की लापरवाही से कोरोना की चौथी लहर का खतरा बढ़ सकता हैं। जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री के जनता दरबार में फरियाद लेकर जाने वाले या फिर हवाई यात्रा कराने वाले लोग कोरोना जांच करवाते हैं। अब आम लोग भी कोरोना जांच के प्रति जागरूक नहीं हैं। वैसे पटना के सदर अस्पताल में सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक कोरोना जांच की व्यवस्था है। लेकिन पिछले 15 दिनों से मात्र 15 से 20 लोग ही कोरोना जांच कराने के लिए पहुंच रहे हैं।
जहां एक ओर सरकार की बड़ी लापरवाही बिहार के लोगों को कोरोना की चौथी लहर की ओर ढकेल रही है वहीं लोग भी अब कोरोना से डरने के बजाय उसे चुनौती देते हुए नजर आते हैं। शायद ही कभी बाजार या सार्वजनिक स्थलों पर अब कोई मास्क या सामाजिक दूरी का प्रयोग करता है। जिला प्रशासन की ओर से भी सार्वजनिक जगहों पर कोरोना संबंधित जांच तथा नियमों में ढील देने के कारण बिहार में लगातार चौथी लहर का खतरा बढ़ता जा रहा है। हालांकि अभी बिहार में स्थिति सामान्य है लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में अचानक बढे संक्रमण दर से अब दिल्ली से लोग बिहार की ओर रुख करेंगे जिसके बाद बिहार में चौथी लहर का खतरा बढ़ जाएगा।