मंत्री संजय झा बोले- भारत और नेपाल के बीच डैम बनने से बिहार को बाढ़ से राहत मिलने की उम्मीद

  • जनसुनवाई कार्यक्रम में शामिल बिहार सरकार के तीन मंत्रियों ने समस्याओं का किया निपटारा

पटना। जदयू मुख्यालय में सप्ताहिक कार्यक्रम के तहत जनसुनवाई की गई। जिसमें बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार शामिल हुए। तीनों मंत्रियों ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर समस्याओं का त्वरित निपटारा किया। उक्त अवसर पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा भी उपस्थित थे। जहां उन्होंने जनसुनवाई कार्यक्रम का जायजा लिया। इस दौरान पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मंत्रियों के समक्ष अपनी समस्याओं को रखा, जिसके बाद कई मामलों का मंत्रियों के द्वारा तत्काल निपटारा किया गया। जबकि कुछ मामलों में मंत्रियों के द्वारा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देने का आश्वासन दिया गया।
राजद का मांग बेबुनियाद
इस मौके पर मंत्री अशोक चौधरी ने राजद के उस आरोप का खंडन किया। जिसमें राजद बड़ी पार्टी होने का दावा करते हुए पार्टी कार्यालय के लिए बड़ी जगह की मांग की है। इस मामले में मंत्री ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जिस जगह के बारे में राजद ने अपनी मांग रखी है, वह जगह पटना उच्च न्यायालय के हवाले है और न्यायालय के द्वारा उस मामले में सुनवाई चल रही है। इस तरह मंत्री श्री चौधरी ने राजद के इस मांग को बेबुनियाद बनाते हुए मामले को खारिज कर दिया।
फरक्का बराज का जल्द समाधान ढूंढने का आश्वासन
वहीं दूसरी तरफ मंत्री संजय झा ने बताया कि सरकार की ओर से पूरे बिहार में ठोस रणनीति के तहत बाढ़ राहत कार्य चलाए जा रहे हैं। जिससे जनता को राहत मिली है। वहीं उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच डैम बनाने का कार्य लंबे समय से चल रहा है। इसका निर्माण होने के बाद बिहार को बाढ़ से राहत मिलने की उम्मीद है। मंत्री ने फरक्का बराज का भी जल्द ही समाधान ढूंढने का आश्वासन दिया और कहा कि इस मामले में संबंधित पदाधिकारियों से बातचीत चल रही है। चूंकि फरक्का बराज बांग्लादेश से जुड़ा हुआ है, ऐसे में इस मामले को लेकर केंद्र सरकार की ओर से भी पहल की जा रही है।
रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्लेसमेंट पर जोर
इस अवसर पर मौजूद मंत्री सुमित कुमार ने कहा कि बिहार में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्लेसमेंट पर जोर दिया जा रहा है और कई कंपनियों से संपर्क स्थापित किया गया है, ताकि छात्र-छात्राओं का कैंपस सेलेक्शन हो सके।

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