अभी और गिरेंगी लाशें,कई हैं निशाने पर

पटना।कुख्यात अंडरवर्ल्ड सरगना संतोष झा के खात्मे के बाद अब उसके आर्थिक सहचरों एवं राजनीतिक सरपरस्तो पर उसके दुश्मन गैंग की नज़र टिकी हुई है। संतोष झा को परलोक भेजने वाले अब पूरी तरह से ‘प्रतिशोध’ की संभावना को मिटाने के लिए अब ऐसे लोगों को ‘टारगेट’ करने की फिराक में है।जिससे संतोष झा के गिने-चुने खासमखासो को मदद मिलने की संभावना है। अंडरवर्ल्ड की दुनिया का पुराना दस्तूर रहा है यहां उस्ताद का खात्मा उसका अपना शागिर्द ही करता है। संतोष झा की हत्या तो नवोदित शूटरों ने की है।मगर मारने का आदेश उसके ही गिरोह का नं-2 माने जाने वाले मुकेश पाठक ने दिया था।बताया जाता है कि मुकेश पाठक को साथ मिलने पर ही संतोष झा की खूरेंजियत परवान चढ़ी थी। संतोष झा आज के समय में बिहार में सर्वाधिक रंगदारी वसूलने वाला तथा ठेका ‘मैनेज’ करने वाला अंडरवर्ल्ड डॉन था। निश्चित तौर पर मुकेश पाठक के अलावे भी उसके कई खास है,जो उसके मौत का बदला लेने का प्रयास कर अंडरवर्ल्ड में अपनी जगह बनाने का प्रयास कर सकते हैं।जानकारों के अनुसार संतोष झा ने रंगदारी से कमाया हुआ करोड़ों रुपया कई ठेकेदारों एवं रियल स्टेट कारोबारियों के मार्फत बाजार में लगाया हुआ था।जिसके सूत्रधार उसके राजनीतिक सरपरस्त थे। सूत्रों के अनुसार संतोष झा अपने भविष्य को ‘सेफ’ करने के लिए राजनीति में अपनी मुकाम बनाना चाहता था। इसलिए उत्तर बिहार के कई सक्रिय राजनीतिज्ञों से उसने अपनी नजदीकी बना रखी थी। जेल में रहने के बावजूद संतोष झा का सक्रिय होना इस बात का सबूत है कि प्रशासन में भी उसके कई चाहने वाले थे।कहा जाता है कि मुकेश पाठक तथा अन्य ने मिलकर संतोष झा कोअंडरवर्ल्ड में बड़े ‘ब्रांड’के रूप में स्थापित किया था।मगर इन दिनों संतोष स्वार्थपरक गतिविधियों में लगा हुआ था। इसलिए मुकेश पाठक के नेतृत्व में गिरोह का एक धड़ा उसके खिलाफ हो गया।नतीजा पहले मोतिहारी कोर्ट में पेशी के दौरान अभिषेक झा,जो मुकेश पाठक का खास था,की हत्या हुई थी उसके ठीक डेढ़ माह बाद गिरोह के सरगना संतोष झा की इहलीला समाप्त कर दी गई।

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