बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रवींद्रनाथ मिश्र को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा, बूथ कैप्चरिंग में हत्या का है आरोप

छपरा। सारण के एमपी-एमएलए कोर्ट ने बिहार सरकार के एक पूर्व मंत्री को हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। 90 दे दशक में बूथ कैप्चरिंग के दौरान एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में छपरा की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रहे रवींद्र नाथ मिश्र को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में सात दिन पहले कोर्ट ने पूर्व मंत्री को दोषी करार दिया था, आज सजा का एलान कोर्ट ने किया है। लालू-राबड़ी शासनकाल के दौरान साल 1990 के फरवरी महीने में चुनाव हो रहे थे। इसी दौरान छपरा के माझी स्थित बूथ संख्या 175 और 176 पर बैलेट बॉक्स लूटने के लिए कुछ लोगों ने हमला बोल दिया था। हमलावरों ने बूथ कैप्चरिंग के दौरान फायरिंग की वारदात को अंजाम दिया था। फायरिंग के घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई थी। इसी दौरान वोट डालने पहुंचे उमा बीन की गोली लगने से मौत हो गई थी। वही बूथ कैप्चरिंग और हत्या के इस मामले को लेकर मांझी थाना थाना में केस दर्ज कराया गया था। इसी मामले निर्दलीय उम्मीदवार रविन्द्र नाथ मिश्र और उनके भाई हरेंद्र मिश्र को आरोपी बनाया गया था। करीब 33 साल की लंबी सुनवाई के बाद छपरा की एमपी एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस कोटे से राबड़ी सरकार में उस वक्त मंत्री रहे रविन्द्र नाथ मिश्र को पिछले दिनों दोषी करार दिया था जबकि उनके भाई को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था। मंगलवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए पूर्व मंत्री को उम्रकैद की सजा सुनाई और आर्थिक जुर्माना भी लगाया।

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