PATNA : छात्र संगठन आइसा के बाद जाप छात्र परिषद ने किया नई शिक्षा नीति का विरोध

पटना। पीयू के पटना कॉलेज में आज जाप छात्र परिषद द्वारा केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति विश्वविद्यालय के नए सत्र में लागू करने के ख़िलाफ़ और नई शिक्षा नीति के नाम पर देश और राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने के केंद्र सरकार की मंसा के ख़िलाफ़ एक दिवसीय महाधरना का आयोजन किया गया। वही बता दे की पांच सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया गया।
इन मांगों को लेकर दिया गया धरना
नई शिक्षा नीति द्वारा 4 साल के स्नातक पर रोक लगाओ।
पटना विश्वविद्यालय नामांकन में बिहार बोर्ड के बच्चों के लिए सीट रिजर्व करें।
पी.एच.डी. टेस्ट में भ्रष्टाचार की जाँच करें।
नई शिक्षा नीति के नाम पर अवैध फीस वसूली बंद करें।
पटना विश्वविद्यालय में नामांकन परीक्षा के आधार पर लेना होगा।
वही आगे मनीष यादव ने कहा की लूट का अड्डा बनाने के लिए नई शिक्षा नीति लाई गई है। बड़े-बड़े कारोबारी अंबानी अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए नई शिक्षा नीति लाई गई है। वही नई शिक्षा नीति में सिर्फ विश्वविद्यालय का निजीकरण किया जा रहा है। आज हमारे पार्टी सहित तमाम लोग नरेंद्र मोदी को यह बताना चाहते हैं कि इस नई शिक्षा नीति को हम लोग और विश्वविद्यालय का निजीकरण होने नही देंगे।
छात्र संगठन आइसा ने भी किया था विरोध
वही कुछ दिन पहले छात्र संगठन आइसा ने भी बीते दिन नई शिक्षा नीति पर तंज कसते हुए कहा था कि समूचे शिक्षा व्यवस्था को देश के बड़े-बड़े पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने की रूप रेखा तैयार की गई है। जिलाध्यक्ष पप्पू कुमार एवं जिला सचिव रंजन कुमार ने कहा कि वर्तमान सरकार ने इस महामारी के दौरान बड़ी चालाकी से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को अपने कैबिनेट के जरिए पास करा दिया है। वही छात्र संगठन आइसा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विरोध करता है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ देशभर में आंदोलन होगा।

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