कांग्रेस का डिमांड 73,राजद का ऑफर 58,मगर 68 में हो सकता है मामला फाइनल

पटना।आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन में अब जो भी सीटें हैं।वह राजद-कांग्रेस और वाम दलों के बीच में ही बँटनी तय है।ऐसे में कांग्रेस के द्वारा किए जा रहे 70 सीटों के दावों पर अंतिम फैसला राजद अध्यक्ष लालू यादव ही करेंगे।प्राप्त जानकारी के अनुसार राजद कांग्रेस को 58 सीटें देने को तैयार हैं।मगर कांग्रेस की डिमांड कुल 73 सीटें हैं। कांग्रेस ने राजद से 73 सीटों की मांग की है।मगर कहा यहां तक जा रहा है कि राजद अध्यक्ष लालू यादव के हस्तक्षेप के बाद राजद तथा कांग्रेस के बीच चल रहे सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद समाप्त होने के आसार हैं।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने पिता राजद सुप्रीमो लालू यादव से मिलने रांची जा रहे हैं।रांची में तेजस्वी यादव अपने पिता तथा राजद सुप्रीमो को मौजूदा हालात से अवगत कराएंगे।समझा जा रहा है कि तेजस्वी यादव कांग्रेस को दी जाने वाली सीटों की सूची लेकर अपने पिता से मिलने जा रहे हैं।राजद अध्यक्ष लालू यादव के अंतिम मुहर लगने के बाद ही राजद- कांग्रेस के बीच होने वाली सीटों की शेयरिंग का मसला पूरी तरह से हल हो सकेगा।इधर कांग्रेस के सूत्रों ने बताया है कि कांग्रेस पार्टी 73 सीटों पर अपना दावा पेश कर चुकी हैं। लेकिन तालमेल बनाए रखने के लिए कुछ सीटों को छोड़ा भी जा सकता है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस 67-68 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर चुके हैं।राजद के द्वारा ऑफर किए गए 58 सीटों से 9- 10 अधिक सीटें भी अगर कांग्रेस को मिल जाती है।तो कांग्रेस तैयार हो जाएगी। ऐसे भी कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कहा है कि 70 सीटों के जगह एक दो सीट कम भी रहेगी तो कांग्रेस महागठबंधन से अलग होने की गलती नहीं करेगी।बिहार के राजनीतिक हालात बताते हैं कि कांग्रेस तथा राजद का एक साथ चुनाव लड़ना दोनों की मजबूरी है। कांग्रेस 2010 में राजद को छोड़कर अलग चुनाव लड़ कर देख चुकी है। जिसमें राजद तथा कांग्रेस दोनों को ही बड़ी नुकसान का सामना करना पड़ा था।राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि 24 घंटे के अंदर ही राजद तथा कांग्रेस के बीच सीटों के शेयरिंग का विवाद खत्म हो जाएगा।

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