जाति आधारित जनगणना से राज्य में एक-एक चीज की जानकारी इकट्ठा होगी : मुख्यमंत्री

  • राज्य में कल से शुरू हो रही जातीय जनगणना पर बोले सीएम नीतीश

पटना। बिहार में जाति आधारित जनगणना की शुरूआत कल 7 जनवरी से हो रही है। जातीय जनगनणा दो चरणों में करायी जाएगी। इसको लेकर लेकर प्रशासनिक तैयारी पूरी हो गई है। जातीय जनगणना को लेकर शिवहर में समाधान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में 7 जनवरी से जाति आधारित जनगणना शुरु हो रही है। जिसमें कई चीजें सामने आएगी। सीएम ने कहा कि हम केवल जाति आधारित जनगणना नहीं करवा रहे हैं। बल्कि इसके जरिए एक-एक चीज की जानकारी इकट्ठा करा रहे हैं। जाति आधारित जनगणना को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में 7 जनवरी से जाति आधारित जनगणना शुरु हो रही है। जिसमें कई चीजें सामने आएगी। इसके आधार पर यह स्पष्ट हो जाएगा कि हमें क्या-क्या करना है। सीएम ने कहा कि एक-एक चीज से संबंधित रिपोर्ट सरकार तक पहुंच जाएगी। इसके आधार पर लोगों के विकास के लिए काम किया जाएगा।
जातीय जनगणना से पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी कि हमें विकास के लिए क्या क्या करना है : नीतीश
नीतीश कुमार ने कहा कि हम केवल जाति आधारित जनगणना नहीं करवा रहे हैं। बल्कि इसके जरिए एक-एक चीज की जानकारी इकट्ठा करा रहे हैं। इससे पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी कि हमें सबके विकास के लिए क्या क्या करना है। इसके लिए कर्मियों को कई स्तरों पर प्रशिक्षण दिया गया है। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि वह चाहते थे कि जाति आधारित जनगणना देश स्तर पर हो, लेकिन वे लोग सहमत नहीं हुए। बिहार में जातीय जनगणना की शुरूआत कल यानी 7 जनवरी से होने जा रही है। जातीय जनगनणा दो चरणों में करायी जाएगी। पहले चरण में आवासीय मकानों की गिनती होगी। पटना के VIP इलाकों से इसकी शुरूआत होने जा रही है, जहां अधिकारियों और विधायकों, मंत्रियों के आवास हैं। कल से शुरू होने वाले जातीय गणना के पहले चरण में हर-एक मकान का नंबर डाला जाएगा। इसके आलावा घर के मुखिया का नाम और घर के मेंबर्स का नाम दर्ज किया जाएगा। पटना जिले में 4000 से अधिक गणना खंड जातीय जनगणना के लिए बनाए जाएंगे। यह गिनती 21 जनवरी तक चलेगी। पहले चरण में मकानों की गिनती होगी जबकि दूसरे चरण में उन मकानों में रहने वाले लोगों की गिनती अप्रैल महीने में होगी। उस वक्त प्रगणक (जनगणना अधिकारी) घर पर दस्तक देंगे तो आपको कुछ जरूरी कागजात अपने साथ रखने होंगे। जाति की गणना डिजिटल माध्यम से भी की जाएगी और इसमें एंड्राइड फोन का प्रयोग होगा। फोन में मौजूद एक खास ऐप से हर वर्ग, हर घर के लोगों का पूरा डिटेल भरा जाएगा। जिसमें जाति और उपजाति का अलग से कॉलम रहेगा। पटना जिले में जिन 204 जातियों की गणना की जाएगी उसमें सबसे अधिक अति अत्यंत पिछड़ा वर्ग- 113, एसटी- 32, पिछड़ा वर्ग- 30, एससी- 22 और सामान्य वर्ग की 7 जातियां शामिल हैं।

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