CM नीतीश ने किया 638 करोड़ लागत की 1,093 सतही सिंचाई एवं जल संचयन योजनाओं का किया उद्घाटन

1,093 योजनाओं से 590 लाख घन मीटर जल संचयन का होगा सृजन
88,930 हेक्टेयर क्षेत्र में हो सकेगा सिंचाई कार्य
बिहार के 16 जिले के 74 लाख 20 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित


पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को 1, अणे मार्ग स्थित नेक संवाद से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लघु जल संसाधन विभाग द्वारा क्रियान्वित जल-जीवन-हरियाली अभियान अन्तर्गत 638 करोड़ रुपए लागत की 1,093 सतही सिंचाई एवं जल संचयन योजनाओं का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संकट के कारण जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम कभी सूखे की स्थिति, कभी बाढ़ की स्थिति, असमय वषार्पात, ओलावृष्टि, वज्रपात आदि के रूप में स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 13 जुलाई को पर्यावरण संकट से छुटकारा पाने के लिये सभी दलों के विधायकों, विधान पार्षदों की लगभग 8 घंटे तक चली लंबी बैठक में अभियान को मिशन मोड में चलाने का निर्णय लिया गया। इसके अंतर्गत 11 अवयवों को शामिल किया गया है। अभियान का तात्पर्य जल और हरियाली है, तभी जीवन सुरक्षित है। इस अभियान के लिये अगले 3 वर्षों में 24 हजार 5 सौ करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं और जरूरत हुई तो और भी राशि आवंटित की जायेगी।
उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत 7 कार्यक्रम जल संरक्षण से जुड़ा हुआ है। नये जलश्रोतों का सृजन किया जा रहा है। गंगा जल उद्वह योजना के अंतर्गत बरसात के दिनों में गंगा के पानी को अपलिफ्ट कर उसे संचयित किया जायेगा और उसे शुद्ध करते हुए नवादा, राजगीर और गया में पेयजल के रूप में लोगों तक पहुंचाया जायेगा। सरकारी भवनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम शुरू किया गया है ताकि वर्षा के जल को जमीन के नीचे संरक्षित कर भूजल स्तर मेनटेन किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण के संकट के कारण ही फरवरी, मार्च, अप्रैल माह में भी अधिक वर्षापात की स्थिति बनी, जिससे किसानों की फसल को काफी नुकसान हुआ। किसानों को राहत देने के लिये उन्हें अनुदान राशि दी गई। अभी बिहार के 16 जिले के 74 लाख 20 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं उन्हें भी राहत देने के लिये सभी जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आहर, तालाब, पईन, पोखर को अतिक्रण मुक्त कराने के दौरान उनके आसपास के गरीब लोगों को आवासित करने के लिये 60 हजार रुपये जमीन खरीदने हेतु तथा मकान बनाने के लिये 1 लाख 20 हजार रुपये की राशि दी जा रही है। 20 जुलाई तक 26,263 चिंहित तालाबों, आहर, पईन, पोखरों में से 17,864 को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है। लघु जल संसाधन विभाग द्वारा 1,783 योजनाओं को जीर्णोद्धार के लिये स्वीकृत किया गया, जिसमें से 1,659 का कार्य प्रारंभ हो चुका है और 1,093 का कार्य पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा कि इसमें 708 तालाब, 366 आहर, पईन, 18 चेकडैम और एक उद्वह सिंचाई योजना शामिल है।
उन्होंने कहा कि आज के इस उद्घाटन कार्यक्रम से 590 लाख घन मीटर जल संचयन का सृजन होगा और इससे 88,930 हेक्टेयर सिंचाई कार्य हो सकेगा। शेष 566 योजनाओं का कार्य जारी है और जल्द ही पूर्ण कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि अब 5 एकड़ से ऊपर के तालाब का निर्माण लघु जल संसाधन विभाग द्वारा और 5 एकड तक के तालाब का निर्माण कार्य ग्रामीण विकास विभाग के तहत मनरेगा के द्वारा किया जायेगा। अब तक 6,162 कुंओं के पास सोख्ता का निर्माण तथा 1 लाख 31 हजार 517 चापाकलों के पास सोख्ता का निर्माण कराया गया है, यह मामूली बात नहीं है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा के द्वारा किये गये निर्माण कार्यों की भी एक सूची प्रकाशित कर लोगों को जानकारी दे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम के अनुकूल फसल चक्र राज्य के 9 जिलों में शुरू किये गये हैं, जो सभी जिलों में लागू किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित कई अन्य विकास कार्य किये गये। समाज सुधार के भी कार्य किये गये हैं। बाल-विवाह एव दहेज प्रथा के खिलाफ भी अभियान चलाये गये हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिये जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत लोगों को निरंतर जागरूक करना भी एक प्रमुख अवयव है।
कार्यक्रम के दौरान लघु जल संसाधन विभाग के योजनाओं पर केंद्रित लघु फिल्म दिखाई गई। सहरसा जिला के सत्तर कटइया प्रखंड के मत्स्यगंधा झील, नवादा जिला के वारसलीगंज प्रखंड के अवसर पोखर, औरंगाबाद के रफीगंज प्रखंड के चित्रशाली चेक डैम तथा जहानाबाद जिला के काको प्रखंड के अमरथुआ आहर, पईन का जिलाधिकारियों ने पुनरूद्धार कार्य को दिखाया। कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, लघु जल संसाधन मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव, अपर मुख्य सचिव लघु जल संसाधन अमृत लाल मीणा ने भी संबोधित किया।

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