छठ महापर्व: नहाए खाए के साथ शुरू हुआ चार दिवसीय अनुष्ठान; व्रतियों ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी
पटना। आज से नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है। 19 तारीख को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 20 को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 4 दिन का महापर्व खत्म होगा। छठ व्रतियों ने सुबह-सुबह नदियों में स्नान किया। नए कपड़े पहनकर सूर्य की पूजा की। इसके बाद नदी के पवित्र जल से सात्विक रूप से बनाए जाने वाले कद्दू-भात का प्रसाद ग्रहण करेंगे। छठ पर्व मुख्य रूप से भगवान भास्कर की उपासना का पर्व है। ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा बताते हैं कि छठ पर्व की शुरुआत रवि योग में हो रही है और समापन ध्रुव योग में होगा। छठ महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय है। नहाय-खाय के दिन भोजन में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल नहीं होता है। इस दिन लौकी की सब्जी, अरवा चावल, चने की दाल, आंवला की चटनी, पापड़, तिलौरी, आदि बनते हैं, जिसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। नहाय-खाय के दिन बनाया गया खाना सबसे पहले व्रत रखने वाली महिलाओं और पुरुषों को परोसा जाता है। इसके बाद ही परिवार के अन्य लोग भोजन ग्रहण करते हैं। इस प्रसाद के सेवन का भी खास महत्व है।