चकाई के दंगल में निर्दलीय सुमित सिंह का पलड़ा भारी,जदयू तथा राजद के उम्मीदवार भी लगा रहे हैं जोर
जमुई।जमुई जिले के चकाई विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय प्रत्याशी सुमित कुमार सिंह अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक चक्रव्यूह का निर्माण कर रहे हैं।चकाई के मतदाताओं के बीच निर्दलीय प्रत्याशी तथा पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह जी तोड़ परिश्रम कर रहे हैं।उनके पक्ष में लहर उठती भी जान पड़ रही है।चकाई से निर्दलीय प्रत्याशी सुमित कुमार सिंह को चुनाव आयोग के तरफ से चुनाव चिन्ह के रूप में सेव छाप मिला है।सुमित कुमार सिंह तथा उनके समर्थक बड़ी संख्या में पूरे इलाके में सेव चुनाव चिन्ह पर लोगों को बटन दबाने के लिए अपील कर रहे हैं।सुमित कुमार सिंह झामुमो के टिकट पर 2010 में चकाई से चुनाव जीते थे।पिछले 2015 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उन्होंने तत्कालीन राजग उम्मीदवार विजय कुमार सिंह को काफी पीछे छोड़ दिया था।इस बार भी एनडीए के तरफ से टिकट नहीं मिलने के कारण सुमित कुमार सिंह निर्दलीय मैदान में उतरे हैं।इधर जदयू के द्वारा चकाई से राजद से जदयू में कुछ महीने पूर्व आए विधान पार्षद संजय प्रसाद को उम्मीदवार बनाया गया है।दरअसल, संजय प्रसाद कुछ समय पहले ही एनडीए में आए हैं।इसलिए एनडीए कार्यकर्ताओं के साथ उनका सामंजस्य से पूरी तरह से बैठ नहीं पा रहा है।बावजूद इसके जदयू उम्मीदवार संजय प्रसाद भी अपनी जीत के लिए चकाई के मतदाताओं के बीच घूम रहे हैं।उनके पक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभा भी कर चुके हैं।चकाई के राजद उम्मीदवार तथा निवर्तमान विधायक सावित्री देवी पूरे जोर-शोर के साथ चकाई विधानसभा फतेह करने के लिए प्रयास जारी रखी हुई है।पिछले 2015 के विधानसभा चुनाव में सावित्री देवी राजद के टिकट पर चुनाव जीत गई थी।तब राजद का जदयू के साथ गठबंधन था।मगर इस बार जदयू के साथ गठबंधन नहीं रहने के कारण सावित्री देवी को जदयू के आधार वोटों का नुकसान होना तय है।चकाई तथा सोनो के आम मतदाताओं के रुख को समझने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि चकाई में त्रिकोणात्मक संघर्ष के बीच निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह का पलड़ा जीत की ओर झुका दिखाई दे रहा है।दरअसल 2015 में चुनाव हारने के उपरांत भी सुमित कुमार सिंह लगातार चकाई तथा चकाई के मतदाताओं के संपर्क में बने रहें।सुमित कुमार सिंह के पिता बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह तथा दादा पूर्व सांसद स्व- श्री कृष्ण सिंह ने भी कई बार चकाई विधानसभा का कई बार प्रतिनिधित्व किया है।चकाई में लंबे अर्से तक सुमित कुमार सिंह के परिवार का राजनैतिक दबदबा बने रहने के कारण वहां के मतदाता वर्ग तथा तबकों से बाहर निकल कर सुमित कुमार सिंह के पक्ष में लहर उत्पन्न कर रहे हैं।चकाई से राजद उम्मीदवार सावित्री देवी जोर-शोर से मेहनत कर रही है।राजद- कांग्रेस तथा वामपंथी दलों के आधार वोटों के बदौलत राजद उम्मीदवार सावित्री देवी को अपनी चुनावी वैतरणी पार होती दिख रही है।इधर एनडीए के प्रत्याशी संजय प्रसाद भी मोदी ‘मैजिक’ तथा नीतीश ‘करिश्मा’ के भरोसे चकाई के रण में अपनी अपनी जीत की आस लगाए मेहनत कर रहे हैं। चकाई के दंगल में लोजपा भी पीछे नहीं है। लोजपा ने चकाई से संजय कुमार मंडल को अपना उम्मीदवार बनाया है। संजय कुमार मंडल को मिले मत भी चुनाव परिणाम पर अच्छा असर डालेंगे।झामुमो ने भी चकाई से एलिजाबेथ सोरेन को अपना उम्मीदवार बनाया है।बहरहाल चकाई विधानसभा में जीत का सेहरा किसके सिर बनता है यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है।मगर वर्तमान समीकरण चकाई में हैरतअंगेज परिणाम को इशारा कर रहा है।