सुप्रीम कोर्ट में बिहार की जातीय जनगणना मामले की सुनवाई टली, नए बेंच के गठन के बाद शुरू होगी सुनवाई

पटना। बिहार में जातीय गणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई टल गई है। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय करोल ने इस मामले में सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। जस्टिस करोल 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत होने से पहले पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे। उन्होंने कहा कि इस मामले को हाईकोर्ट में निपटाया था। अब इस मामले में नई बेंच का गठन किया जाएगा। पटना हाईकोर्ट ने बिहार में हो रही जातीय गणना पर 3 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी थी। अपने आदेश में पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया था कि जितना डाटा जमा हो चुका है उसे सुरक्षित रखा जाए। 3 जुलाई की सुनवाई को जल्द कराने की अपील के साथ बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की थी, लेकिन पटना हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। तब बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट गई। बिहार सरकार ने इस अंतरिम रोक को हटाने की मांग के साथ याचिका दायर की है और इस मसले पर जल्द सुनवाई की अपील की गई है। 4 मई को पटना हाईकोर्ट ने बिहार में चल रही जातीय गणना पर रोक लगा दी थी। ये रोक एक याचिका पर सुनवाई के दौरान लगाई गई थी। हाईकोर्ट में सुनवाई की अगली तारीख 3 जुलाई को दी थी। याचिकाकर्ता की ओर से वकील दीनू कुमार ने पटना हाईकोर्ट में कहा था कि राज्य सरकार आर्थिक सर्वे की आड़ में जातीय जनगणना करा रही है जो केंद्र के अधिकार क्षेत्र में है। ये राज्य के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। बिहार में जातीय गणना का मामला सुप्रीम कोर्ट में तीसरी बार पहुंचा है। इसके पहले दो बार जातीय गणना को असंवैधानिक करार देने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का मसला बताया था। इससे दोनों बार बिहार सरकार को राहत मिली थी।

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