स्कूल के मैदान में ऐतिहासिक ब्रह्मपुर पशु मेले के आयोजन को विवाद गहराया,रैयतों में रोष व्याप्त,राज्य सरकार के द्वारा जारी सर्कुलर का उल्लंघन

पटना।महाशिवरात्रि के अवसर पर एतिहासिक फाल्गुनी पशु मेला ब्रह्मपुर के बीएन हाई स्कूल की जमीन आयोजित करने को लेकर सरकार ने अपने फैसले को खुद पलट दिया है। पहले जिला शिक्षा अधीक्षक के द्वारा स्कूल के मैदान पर मेले के आयोजन को लेकर स्कूल प्रबंध समिति तथा प्राचार्य के फैसले पर रोक लगा दिया गया था।मगर आज बक्सर के जिलाधिकारी के द्वारा फिर से जिला शिक्षा अधीक्षक के फैसले को पलट दिया गया है।जिसे लेकर नगर पंचायत तथा आजीवन दाता सदस्यों के बीच चली आ रही रस्साकशी और बढ़ गई है।मिली जानकारी के मुताबिक आजीवन दाता सदस्य किसान वर्ग इस मामले को लेकर बिहार सरकार के प्रधान सचिव  के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई है ।इसके पूर्व स्कूल के मैदान में मेले का आयोजन को लेकर विद्यालय प्रबंध समिति के निर्णय पर प्रधानाध्यापक द्वारा जारी एनओसी को डीईओ अनिल कुमार द्विवेदी ने निरस्त कर दिया था। लिहाजा नगर पंचायत द्वारा हाई स्कूल के मैदान में मेला लगाने की तैयारियों पर पानी संशय के बादल मंडराने लगे थे। मगर आज जिलाधिकारी के द्वारा पुनः इस आधार पर कि स्कूल से मैदान की नियत दूरी है।इसलिए मेले का आयोजन से पठन-पाठन पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस आधार पर जिला अधिकारी के द्वारा स्कूल के मैदान में मेले का आयोजन को लेकर अनापत्ति जारी किया गया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक मेले का आयोजन स्कूल से लग कर हो रहा है। जहां तक स्कूल से मैदान की दूरी का विषय है। तो स्कूल का मैदान का क्षेत्रफल इतना बड़ा नहीं है कि पूरे मेले का आयोजन वहां संभव हो सके।ऐसे में मेले का प्रसार स्कूल के परिसर को भी पूरी तरह से प्रभावित करेगा।यहां तक कि मेले में आए लोग स्कूल परिसर में भी आवाजाही कर रहे हैं।जिसके वजह से निश्चित तौर पर विद्यार्थियों के पठन-पाठन कार्य पर विपरीत प्रभाव पड़ना तय है।
विदित हो कि राज्य सरकार ने बहुत पहले ही यह सर्कुलर जारी किया था कि स्कूल के मैदान में इस प्रकार का आयोजन प्रतिबंधित रहेंगे।जानकार बताते हैं कि इस पशु मेला का आयोजन पूर्व में भी कई बार स्कूल मैदान में हो चुका है। बाद में विद्यार्थियों के पठन-पाठन में समस्या आने के कारण पूर्व की भांति मेला रैयतों के जमीन में आयोजित किया जा रहा था। उल्लेखनीय है कि स्कूल की जमीन पर मेला लगाने के प्रस्ताव को लेकर प्रबंध समिति द्वारा हरी झंडी दे दी गई थी। जिसका विरोध प्रबंध समिति के आजीवन दाता सदस्य व पूर्व जिला परिषद सदस्य मार्कण्डेय सिंह द्वारा किया जा रहा था। उन्होंने विद्यालय के मैदान में मेला लगाने से शिक्षण कार्य उच्चाधिकारियों से की थी। जिसमें शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के एक पत्र का हवाला देते हुए प्रबंध समिति द्वारा मेला लगाने के फैसले को चुनौती दी गई थी और स्कूल नियमावली के विरुद्ध करार दिया गया था।
जिसके बाद शिक्षा अधीक्षक ने आपत्ती जताई थी।वही आज जिला अधिकारी के द्वारा निर्गत अनापत्ति पत्र के बाद आजीवन दाता सदस्यों तथा रैयतों बीच इसे लेकर रोष व्याप्त हो गया है। पिछले वर्ष भी मेले का आयोजन किसानों के जमीनों पर हुआ था। आजीवन दाता सदस्यों ने बताया कि इस मामले को लेकर प्रधान सचिव के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई है।

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