भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार इकाई के नेताओं को दिखायी हैसियत : राजीव रंजन

पटना। भाजपा द्वारा आज जारी केंद्रीय पदाधिकारियों की सूची में बिहार से सिर्फ एक नाम होने पर कटाक्ष करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि जेपी नड्डा की नई टीम में जिस तरह से बिहार की जमकर उपेक्षा की गयी है, उससे साफ़ पता चलता है केंद्रीय नेतृत्व बिहार भाजपा के नेताओं नेतृत्व करने लायक समझता ही नहीं है। इससे यह भी पता चलता है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार से वोट मिलने की उम्मीद भी छोड़ दी है। वह मान चुके हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार में उनका सूपड़ा साफ़ हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि जेपी नड्डा की नई टीम में यूपी को बिहार की तुलना में 700% अधिक महत्व दिया गया है। यूपी से जहां 8 लोगों को जगह दी गयी है, वहीं बिहार से महज एक व्यक्ति को स्थान दिया गया है। उसमें भी बिहार से किसी को महामंत्री या उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नहीं रखा गया है।

वहीं यूपी से 3 उपाध्यक्ष, 2 महामंत्री, 1 सचिव, 1 कोषाध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद भी यूपी को मिला है। उन्होंने कहा कि भाजपा की नई टीम में बिहार से किसी पिछड़े-अतिपिछड़े, दलित या महादलित को स्थान नहीं मिला है। अल्पसंख्यकों को तो यह ऐसे भी नहीं देखना चाहते हैं। इनके पिछड़े-अतिपिछड़े, दलित व अल्पसंख्यक विरोधी होने का इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है? आगे राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि नई टीम में बिहार के नेताओं को जगह नहीं देने से प्रधानमंत्री व गृहमंत्री के बिहार से विशेष लगाव के दावों की भी पोल खुल गयी है। भाजपा को बताना चाहिए कि प्रधानमन्त्री व गृहमंत्री का यह बिहार से कैसा प्रेम है कि वह यहां के नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व देने लायक तक नहीं समझते। उन्होंने कहा कि नई टीम की घोषणा के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की बात भी हवा में तैर रही है। उसमें भी इस बात की प्रबल संभावना है कि बिहार के कई मंत्रियों के पद छीने जाने जायेंगे। इससे पता चलता है कि केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष बिहार भाजपा के नेताओं का महत्व तब तक ही था जब तक इनकी पार्टी जदयू के साथ थी। अलग हटने के बाद अब उन्हें कौड़ी भर भी भाव नहीं मिल रहा है।