बिहार का टेक्सटाइल व लेदर पॉलिसी तैयार, 8 जून को लांच करेंगे सीएम नीतीश

पटना। इथेनॉल के बाद अब बिहार सरकार की नजर पर टेक्सटाइल कारोबार पर है। उद्योग विभाग राज्य में टेक्सटाइल उद्योग के विकास और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नीतिगत बदलाव करने जा रही है। इसके तहत 8 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 को लांच करेंगे। इसे लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। इस संबंध में उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि इस पॉलिसी के लांच होने के बाद राज्य में टेक्सटाइल और लेदर उद्योगों की स्थापना के लिए नये द्वार खुल सकेंगे। आने वाले दिनों में पूरे देश में बिहार लेदर और टेक्सटाइल का बड़ा हब बन जाएगा।
टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी से उम्मीद
मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि बिहार टेक्सटाइल एंड लेदर पॉलिसी 2022 को लेकर बहुत उम्मीदें हैं। पहली बार ऐसा लग रहा है कि देशभर के टेक्सटाइल और लेदर प्रक्षेत्र के लोगों की मंशा बिहार में निवेश की है। उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग ने देश की बेहतरीन पॉलिसी बनायी है। इसमें प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत से प्रावधान किये गये हैं, जिसकी जानकारी 8 जून को मिलेगी, जब मुख्यमंत्री के हाथों इसकी लांचिंग होगी।
कंपनियां निवेश के बेहतरीन डेस्टिनेशन के रूप में देख रही
मंत्री ने कहा कि 26 मई को बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है और इसकी लॉचिंग के लिए मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दे दी है। पॉलिसी को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद ही बहुत सी टेक्सटाइल और लेदर कंपनियों ने संपर्क किया है और ऐसा लग रहा है कि ये कंपनियां बिहार को निवेश के बेहतरीन डेस्टिनेशन के रूप में देख रही हैं।
निवेश के लिए जरुर आकर्षित होंगी कंपनियां
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इथेनॉल के बाद हमारा पूरा फोकस बिहार को टेक्सटाइल और लेदर उद्योग का हब बनाना है। इसके लिए पॉलिसी के तहत पूंजीगत अनुदान, रोजगार अनुदान, विद्युत अनुदान, फ्रेट अनुदान, पेटेंट अनुदान, कौशल विकास अनुदान समेत कई तरह के प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि ऋण पर ब्याज अनुदान, एसजीएसटी का रिइम्बर्समेंट, स्टैम्प शुल्क में छूट, निबंधन, भूमि सपंरिवर्तन पर छूट जैसे तमाम प्रावधानों से इस प्रक्षेत्र की कंपनियां बिहार में निवेश के लिए जरुर आकर्षित होंगी।
सिर्फ बेचिए नहीं, बनाईए भी बिहार में
उद्योग मंत्री ने कहा कि अभी हमने एक नारा और दिया है कि ‘अब लौट के आईए बिहार में’ ये उनके लिए है जो बिहार से हैं देश के उन हिस्सों में या विदेशों में बड़ा कारोबार कर रहे हैं, बड़े उद्योगपति बनकर बिहार का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की आबादी 14 करोड़ है, लेकिन जो भी कंपनियां बिहार में निवेश करेगी उसे देश के पूर्वोत्तर राज्यों समेत नेपाल, भूटान जैसे कई पड़ोसी मुल्कों की करीब 54 करोड़ की आबादी का बड़ा बाजार मिलेगा, इसलिए बिहार में अपने उत्पाद बेचने वाली कंपनियों को हमने कहा है कि सिर्फ बेचिए नहीं, बनाईए भी बिहार में।
हमारे पास पर्याप्त जमीन, सस्ता श्रम और बड़ा बाजार
शाहनवाज कहा कि हमारे पास पर्याप्त जमीन है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बंद चीनी मिलों की व अन्य 2800 एकड़ जमीन उद्योग विभाग को दी है। उन्होंने कहा कि हमारा इरादा है कि बिहार आने वाली टेक्सटाइल कंपनियों को प्लग एंड प्ले सुविधाओं के साथ जमीन या जगह उपलब्ध करायी जाए ताकि उद्योगों की स्थापना तेज गति से हो। उन्होंने कहा कि बिहार की सबसे बड़ी ताकत इसकी प्रशिक्षित श्रम शक्ति है। उन्होंने कहा कि तिरुपुर, सूरत, अहमदाबाद, मुंबई, चंडीगढ़ समेत देश के तमाम टेक्सटाइल कंपनियों में ज्यादातर कुशल या अर्धकुशल कामगार बिहार के ही हैं, इसलिए बिहार में टेक्सटाइल और लेदर उद्योग की सफलता की गारंटी सबसे ज्यादा है। ऐसे भी इस सेक्टर में कम पूंजी में ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है।
दिनों में नहीं बल्कि घंटों में जमीन आवंटन
शाहनवाजने ये भी कहा कि पॉलिसी के जरिए प्रोत्साहित करने के अलावा हम देश भर के उद्योगपतियों को बिहार आने पर रेड कार्पेट वेल्कम भी देंगे। उन्होंने कहा कि हम ईज आफ डूईंग बिजनेस पर बहुत काम कर रहे हैं। हमने महीनों, हफ्तों या दिनों में नहीं बल्कि घंटों में जमीन आवंटन से लेकर अन्य कई तरह की प्रक्रियाएं पूरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्योग विभाग भी दिन रात काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम सबने मिलकर ठान ली है कि बिहार में उद्योग और रोजगार का सीएम नीतीश का सपना पूरा होगा। पीएम मोदी जैसा औद्योगिक बिहार देखना चाहते हैं, वो हकीकत में तब्दील होगा।

About Post Author

You may have missed