नीतीश राज में बिहार अराजकता के गर्त में चला गया : विजय सिन्हा

पटना। बिहार में बढ़ते अपराध के ग्राफ को लेकर भाजपा ने चिंता जाहिर की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के बाद विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने मौजूद सरकार पर हमला बोला है, उन्होंने कहा कि बिहार अपराधियों के गिरफ्त में आ गया है और हत्याएं थमने का नाम नहीं ले रही है। वे पटना जिला के बिक्रम थाना के बेरर टोला में बालू माफ़ियाओं द्वारा देवराज यादव की हत्या के बाद शोक संतप्त परिवार से मिलकर आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। सिन्हा ने आगे कहा की इस घटना के तुरंत बाद विक्रम के बिल्डर आलोक शर्मा की दिनदहाड़े हत्या ने भी राजधानी पटना व आसपास के सटे इलाकों को दहला दिया। बता दे की 6 माह पूर्व उनके पार्टनर की भी हत्या कर दी गयी थी। इनके पिता की भी हत्या हुई थी। इन वारदातों ने लोगों का पुलिस औऱ प्रशासन से भरोसा तोड़ दिया। सिन्हा ने आगे कहा कि अपराधियों की चपेट में पड़े राज्य में पिछले एक वर्ष में 7500 से अधिक लोग अपराधियों की गोली के शिकार हुए हैं। राज्य का एक भी जिला अब वंचित नहीं है। अपराधियों के द्वारा आम व ख़ास सभी को निशाना बनाया जा रहा है। पुलिस के दारोग़ा और सिपाही की भी हत्या हो रही है। राज्य अराजकता के गर्त में चला गया है।

सिन्हा ने आगे कहा कि शासन, प्रशासन व अन्य सरकारी कर्मी बिना घूस का कोई काम नहीं कर रहे हैं। सही कार्य में भी अगर पैसा नहीं दिया जाए तो उसे लटका दिया जाता है। शराब, जमीन और बालू माफ़िया प्रशासन के लोगों को वेतन की तरह प्रत्येक माह तय राशि देते हैं। बदले में वे उनके कार्य को निर्बाध गति प्रदान करते हैं। मुख्यमंत्री सहित सभी आला अधिकारी यह जानते हैं पर कोई मुँह खोलने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य के मुखिया की सोच व समझ समाप्त हो गई है। इनके द्वारा घोषित उत्तराधिकारी व उनके कुनबे का बोलबाला है। ये लोग जुगाड़ में लगे है की कब मुख्यमंत्री को हटाकर उपमुख्यमंत्री को गद्दी सौपी जाय। ये लोग किसी भी कागज़ पर दस्तख़त करवा सकते है। राज्य की जनता सब जानती है। सिन्हा ने कहा कि अभी विधानसभा में घटी घटनाओं ने राज्य को शर्मसार कर दिया है। सीएम द्वारा दोनों बार अमर्यादित आचरण का प्रदर्शन किया गया। जदयू के नेतागण भी भौंचक रह गए। इन घटनाओं की राज्य और देशभर में भर्त्सना हुई। नीतीश कुमार अब राजनीतिक रूप से काफ़ी कमज़ोर हो गये हैं। राजद ने अपना हैसियत बढ़ा लिया है। लालू प्रसाद का दबाव बढ़ गया है। वे शीघ्र अपने पुत्र को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते है। आने वाले दिनों में उनके विरुद्ध साज़िश कर पदच्युत करने की पूरी संभावना है।

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