ठंड बढ़ते ही प्रवासी पक्षियों का बिहार में हुआ आगमन, इस बार आ सकते हैं 35 से अधिक प्रजातियों के पक्षी

पटना। ठंड बढ़ते ही पटना के राजधानी जलाशय में विदेशी पक्षियों का आना शुरू हो जाता है। पुरानी सचिवालय स्थित राजधानी जलाशय में देशी के साथ विदेशी पक्षियों का भी घर बना हुआ है। हर साल ठंड में ये पक्षी यहां प्रवास पर आते हैं। फिलहाल राजधानी जलाशय में 3 हजार के करीब पक्षी पहुंच चुके हैं, इनमें 200 विदेशी हैं। दिसंबर से जनवरी तक यहां कुल 39 प्रजातियों के 6000 देशी-विदेशी पक्षी आते हैं। अभी तक 4 प्रजातियों के विदेशी पक्षी यहां पहुंच चुके हैं। अमूमन दिसंबर के पहले सप्ताह में विदेशी पक्षियों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस साल नवंबर में ही इनका आना शुरू हो गया है। इसमें वाइट आई पोजार्ड, गाग्रेनी, यूरेशियन विजबोन और गडवाल हैं। इस संबध में डीएफओ शशि कांत यादव ने बताया कि इस साल दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक 5 और प्रजातियों के विदेशी पक्षी के आने की उम्मीद है। इसमे कॉमन पोजार्ड, नॉर्दर्न शोलवर, नॉर्दर्न पिनटेल, रेडक्रेस्टेड और पोचार्ड शामिल रहेंगी।

ये सभी पक्षी अमेरिका, अफ्रीका, कनाडा, रूस, कजाकिस्तान तथा पूर्वी साइबेरिया जैसे देशों से यहां आते हैं। देशी पक्षियों की बात करें तो यहां हर साल लगभग 30 प्रजातियों के पक्षी आते हैं। इसमें 15 जलीय और इतने ही स्थलीय पक्षी आते हैं। जलीय पक्षी में मुख्यतः लारसर, कुट, गडवाल और कॉम्ब डक शामिल रहते हैं। वहीं स्थलीय पक्षियों में ट्रीपाई और रौलर शामिल हैं। ठंड में पक्षियों के पटना के राजधानी जलाशय में प्रवास का सब से बड़ा कारण उनके अनुकूल वातावरण मिलना है। इनमें उनके रहने के अनुकूल मौसम, भोजन के लिए मछली, पानी में उगने वाले पौधे, मुलायम घास और गीली घास हैं।

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