स्पेशल स्टोरी-बिहार में बढ़ रहा है ‘लॉकडाउन’,फिर तय समय पर चुनाव कैसे है ‘पॉसिबल’
पटना।बिहार में विधानसभा चुनाव सिर पर मंडरा रहा है।किसी भी वक्त चुनाव आयोग के द्वारा चुनाव की तिथियों की घोषणा की जा सकती है।हालांकि प्रदेश में कई पार्टियां अभी चुनाव नहीं कराने की मांग कर रही हैं।मगर चुनाव आयोग का स्टैंड देखकर यही लगता है कि फिलहाल चुनाव आयोग बिहार में तय समय पर चुनाव कराने पर आमादा है।प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में कल बिहार सरकार के द्वारा किए गए 17 आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग को भी आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकारी कवायद समझा जा रहा है। सरकार के उच्च स्तरीय सूत्रों का मानना है कि चुनाव आयोग नीतीश सरकार के स्टैंड से इत्तेफाक रखते हुए प्रदेश में समय पर चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।यह अलग बात है कि बिहार में सबसे बड़ी पार्टी राजद,सरकार की सहयोगी पार्टी लोजपा,मुख्य विपक्षी दलों में से एक कांग्रेस के द्वारा बिहार में तय समय पर चुनाव को टालने के लिए मांग किया जा रहा है।इन पार्टियों के द्वारा कहा जा रहा है कि कोरोना की त्रासदी तथा बाढ़ की विभीषिका के मद्देनजर बिहार में कम से कम 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए।बिहार के दोनों प्रखर युवा नेता नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव तथा लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के सुर इस मामले में एक से हैं।फिलहाल भाजपा के द्वारा इस मामले में अपना पत्ता नहीं खोला गया है।फिलहाल यही समझा जा रहा है की बिहार में तय समय पर ही चुनाव होंगे।क्योंकि चुनाव आयोग ने कई दफे इस पर अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है।हालांकि विपक्ष भी समय पर चुनाव नहीं कराए जाने के लिए प्रतिबद्ध है।मगर राजद ने एक दफे यह भी कहा था कि वे इस समय चुनाव नहीं चाहते हैं मगर चुनाव होता है तो वह पूरी तैयारी से लड़ेंगे।बिहार में तय समय पर चुनाव को लेकर हो रहे राजनैतिक धीँगामुश्ती के बीच बिहार का आम जनमानस कंफ्यूज है।प्रदेश के आम मतदाता वह समझ नहीं पा रहा है कि एक तरफ तो सरकार बार-बार लॉकडाउन की अवधि का विस्तार कर रही हैं।वहीं दूसरी तरफ समय पर चुनाव कराए जाने की बात भी कर रही है।बिहार में चुनाव संबंधित कुछ औपचारिकताएं आरंभ भी कर दी गई है।बिहार की जनता पशोपेश में है कि बिहार में समय पर चुनाव होगा या राष्ट्रपति शासन लगेगा।दरअसल लोजपा, राजद,कांग्रेस तो बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के पक्ष में है।सत्ताधारी दल में जदयू ही समय पर चुनाव चाहता है।वहीं बिहार में भाजपा ने चुनाव की तिथियों को लेकर अभी तक अपना पता नहीं खोला है। यह बात अलग है कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के सुर इस मामले में सीएम नीतीश कुमार से मिलते रहे हैं। मगर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस मामले में जब तक अपना स्टैंड क्लियर नहीं करता तब तक सुशील मोदी की बात को भाजपा की ओर से प्रामाणिक स्टैंड नहीं माना जा सकता है।समझा जाता है कि बिहार में तय समय पर चुनाव संबंधित अंतिम निर्णय केंद्र सरकार के द्वारा ही लिया जाएगा।उल्लेखनीय है कि कल बिहार सरकार ने प्रदेश में लॉकडाउन की अवधि को आगे बढ़ाते हुए 6 सितंबर तक की विस्तार दी है।