भूमिहार समाज पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ से गुस्से में है भूमिहार मतदाता,नजरे ढूंढ रही है विकल्प।

पटना।आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नजर बिहार के भूमिहार समाज में बेहद नाराजगी है। नाराजगी का प्रमुख कारण राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के तरफ से अपेक्षित सीटों पर उम्मीदवारी के ना मिलने का मलाल है। भूमिहार मतदाताओं में गुस्सा उबाल पर हैं। खासतौर पर उनके परंपरागत सीट जहानाबाद संसदीय क्षेत्र से अति पिछड़ा वर्ग की उम्मीदवारी देने के कारण एक बड़ा तबका भाजपा जदयू से बेहद आहत महसूस कर रहा है। ऐसे में महागठबंधन द्वारा जहानाबाद से अभी तक किसी प्रत्याशी के नाम का ऐलान ना होने के कारण भूमिहार वर्ग की आस टिकी हुई है, कि शायद राजद की ओर से चल रही चर्चाओं के मुताबिक संभवतः राजद की ओर से किसी भूमिहार को उम्मीदवार बना दिया जाए।अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर महागठबंधन को लगभग दस सीटों पर भूमिहार समाज के ‘सॉफ्ट कॉर्नर’ का लाभ हो सकता है। जहानाबाद संसदीय क्षेत्र के युवा भूमिहार मतदाता तो यहां तक कह रहे हैं कि निकु एवं सुमो ने मिलकर बिहार में भूमिहारों का ही ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कर दिया है। उल्लेखनीय है कि जहानाबाद संसदीय क्षेत्र से अब तक लगभग हर एक चुनाव में यादव एवं भूमिहार प्रत्याशियों के बीच सीधी जंग होते आ रही है।
राजनीतिक गलियारों में हो रहे चर्चा के मुताबिक जहानाबाद संसदीय क्षेत्र से जद यू ने अपने विधान पार्षद रामेश्वर चंद्रवंशी को टिकट दिया है।मगर जहानाबाद के भूमिहार मतदाता उन्हें हजम नहीं कर पा रहे हैं।जहानाबाद के भूमिहार समाज को उम्मीद थी कि पूर्व विधायक राहुल कुमार निवर्तमान सांसद अरुण कुमार या फिर पूर्व मंत्री प्रो रामजतन सिन्हा में से किसी को राजग बतौर उम्मीदवार प्रस्तुत करेगा। निवर्तमान सांसद अरुण कुमार ऐसे तो नवादा से निर्दलीय भाग्य आजमाने की तैयारी में थे।मगर राजग उम्मीदवार के नाम की घोषणा सुनकर वापस जहानाबाद लौट आए हैं।इस उम्मीद से कि नाराज भूमिहार मतदाता उन्हें बिना शर्त वोट दे देंगे।हालांकि ऐसा लगता नहीं है पिछले पांच वर्षों में उनके कार्यकाल से वहां की जनता उनसे संतुष्ट नहीं है। इस कारण को समझते हुए ही अरुण कुमार अन्य विकल्प की तलाश में जोरो से जुटे हुए थे। महागठबंधन की ओर से अभी तक जहानाबाद संसदीय क्षेत्र से किसी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हुई है।हालांकि माना जा रहा है कि हर बार की तरह इस बार भी राजद पूर्व मंत्री एवं बेलागंज के विधायक प्रो सुरेंद्र यादव पर ही दांव लगाएगी। मगर समीकरणों पर गौर कर रही राजद ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। जहानाबाद संसदीय क्षेत्र से अभी तक किसी उम्मीदवार का नाम महागठबंधन द्वारा घोषित नहीं किया गया है।राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद इस मामले में पूर्व सांसद डॉ जगदीश शर्मा जो अभी रांची जेल में ही राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के साथ चारा घोटाला में सजायाफ्ता है,से भी सलाह-मशविरा मशवरा कर रहे हैं। जहानाबाद की राजनीति में पूर्व सांसद डॉ जगदीश शर्मा की सबसे मजबूत पकड़ मानी जाती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर महा गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर कोई ब्रह्मर्षि समाज से उम्मीदवार आता है तो महागठबंधन को इसका लाभ,जहानाबाद,औरंगाबाद,गया,नालंदा,पाटलिपुत्र,आरा,बक्सर,काराकाट कथा पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र तक में महसूस होगा। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के तीनों घटक दल भाजपा जदयू तथा लोजपा ने मिलकर इस लोकसभा चुनाव में मात्र तीन भूमिहार उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।जबकि भूमिहार समाज कम से कम 7 से 8 उम्मीदवारी अपेक्षित मान कर चल रहा था ।ऐसे में ब्रह्मर्षि समाज के मतदाताओं एवं जनप्रतिनिधियों में राजग के प्रति स्वभाविक तौर पर रोष व्याप्त है।गुस्सा इस बात को लेकर भी है कि वोट बैंक होने के बावजूद भूमिहार समाज को तीन वहीं राजद के प्रमुख वोट बैंक माने जाने वाले यादव समाज के पांच उम्मीदवारों को राजग के द्वारा मैदान में उतारा गया है।
घोसी निवासी जहानाबाद जिला के प्रखर सामाजिक कार्यकर्ता भोला शर्मा बताते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मिलकर भूमिहार समाज पर सर्जिकल स्ट्राइक करने का काम किया है।जिससे समाज का एक बड़ा तबका आहत है।ऐसे में अगर महागठबंधन बतौर उम्मीदवार जहानाबाद से किसी योग्य भूमिहार को मौका देती है।तो एक बड़ी संख्या में भूमिहार मतदाता मगध समेत पटना एवं भोजपुर प्रमंडल के संसदीय सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों को विजयी बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है।

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