शिर्डी की सार्इं की कृपा से प्रकाशमय हुआ राजीव का जीवन, जानने के लिए पढ़ें

अध्यात्म से तिलौथू को मिलेगी नयी पहचान

तिलौथू (रोहतास)। प्रखंड अंतर्गत पैत्रिक गांव में पूरानी डाकघर रोड में साईं बाबा का भव्य मंदिर का निर्माण जारी है। ऐतिहासिक दृष्टिकोण से राज्य के महत्वपूर्ण जिला रोहतास स्थित तिलौथू गांव को अब जल्द ही अध्यात्म की एक नयी पहचान हासिल होने वाली है। उक्त बात स्थानीय निवासी राजीव मिश्रा ने कहा। श्री मिश्रा इस गांव के मूल निवासी हैं और फिलहाल वे मायानगरी मुंबई में कार्यरत हैं। श्री मिश्रा द्वारा यहां एक भव्य साईं मंदिर का निर्माण जारी किया जा रहा है। मंदिर के निर्माण के बारे में श्री मिश्रा ने हमारे संवाददाता को बताया कि बाबा की शक्ति में अटूट श्रद्धा तथा सभी के प्रति समान कृपा बरसाने वाले भगवान साईं का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 19 नवंबर को निर्धारित किया गया है। ज्ञात हो कि इस मंदिर का भूमि पूजन बाबा की समाधि के दौरान फरवरी 2018 में किया गया था और भूमि पूजन के नौ माह के अंदर इसका निर्माण कार्य पूरा होने जा रहा है। वहीं मंदिर के निर्माण तथा बाबा की भक्ति में अटूट श्रद्धा रखने वाले राजीव मिश्रा की यह हार्दिक इच्छा थी कि बाबा की समाधि के शतकीय वर्ष में बाबा की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न होे। अब हम पाठकों की जानकारी के लिये यह बताना जरूरी समझता हूं कि शिर्डी के साईं बाबा 1918 में समाधि ग्रहण किये थे। मंदिर के निर्माण कार्य के निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुये श्री मिश्रा ने कहा कि बाबा के प्रति समर्पित होने से पूर्व वह बहुत ही गंभीर तौर पर आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे थे, यहां तक कि उन्हें अपनी पुश्तैनी जमीन को बेचकर अपना कर्ज चुकाना पड़ा, मगर बाबा को समर्पित होने के बाद इनके जीवन में अचानक बदलाव का दौर शुरू हो गया और आज बाबा से मिली शक्ति के कारण श्री मिश्रा को मंदिर बनाने के लायक बना दिया। 19 नवंबर को बाबा की प्राण प्रतिष्ठा के लिये साईं का अवतार माने जानेवाले पनवेल साईं मंदिर के 83 वर्षीय निर्माता नारायण साईं स्वयं पधारने वाले हैं।

राजीव मिश्रा लाखों की लागत से तैयार होनेवाले साईं मंदिर के निर्माण में सहयोग अदा करनेवाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया और आशा व्यक्त की कि भविष्य में साईं मंदिर से तिलौथू की पहचान को एक नयी मुकाम हासिल होगी। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि बाबा के परम आशीर्वाद, लोगों की शुभकामना और सहयोग से बन रहे इच्छापूर्ति साईं मंदिर भविष्य में तिलौथू की पहचान को एक और नया आयाम देने में सफल होगा। मंदिर बनाने की वजह के बारे में श्री मिश्रा ने बताया कि उनको मुंबई में स्थापित होने के लिये काफी संघर्ष करना पड़ा। वर्ष 2005 से 2010 तक ऐसी स्थिति बनी कि लगा कि मायानगरी मुंबई छोड़ना पड़ेगा। दोस्त के साथ शिर्डी बाबा का दर्शन करने पहुंचा तो कुछ मांगा, जैसे सब मांगते हैं। राजीव मिश्रा स्वयं मीडिया जगत में काम कर रहे हैं, जिससे इनकी पहचान के साथ बाबा के प्रति आस्था बढ़ती गयी। जब भी कोई अच्छा काम होता तो दर्शन करने सिर्डी अवश्य चले जाते। उन्होंने आगे बताया कि जब भी किसी जमीन या फ्लैट का सौदा हो जाता तो दर्शन को चला जाता। इन्होंने मंदिर की बुनियाद अपने पैतृक जमीन तिलौथू में अपनी मकान को तुड़वाकर करना प्रारंभ किया। आज लगभग पूर्ण रूप में मंदिर का निर्माण देखने को आ रहा है। टाइल्स मार्बल मंदिर का गुंबज का कार्य प्रगति पर है। इस कार्य में बाहर में रहने वाले भक्तों का सहयोग के साथ तिलौथू ग्रामवासियों का अटूट सहयोग प्राप्त हो रहा है।

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