PATNA : पारस हॉस्पिटल ने पेट में गोली लगे मरीज की बचाई जान

पटना। पारस HMRI हॉस्पिटल में गोली लगे सिवान जिले के एक बेहद गंभीर 38 वर्षीय मरीज शशि कुमार को बचाकर उसे एक जीवनदान दिया। बता दे की 25 दिन के इलाज के बाद वह पूरी तरह ठीक हो गया। दरअसल, एक व्यक्ति को पेट में गोली लगी थी। वही इस गोली ने उसके पेट को छेद करते हुए लीवर, पेनक्रियाज और बायीं किडनी को भी बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया था। जख्म बहुत बड़ा हो गया था। ऐसी स्थिति में उसे बचा पाना काफी मुश्किल काम था। लेकिन पारस HMRI हॉस्पिटल में डॉ. एए हई  के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने हॉस्पिटल की अत्याधुनिक सुविधाओं की मदद से न सिर्फ उसकी गोली निकाली बल्कि ठीक भी किया। वह मरीज करीब 25 दिन तक हॉस्पिटल में रहा और पूरी तरह से ठीक होने के बाद उसे डिस्चार्ज किया गया। अब वह मरीज स्वस्थ है। उसका ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. एए हई के अलावा डॉ. अरविंद सिन्हा,  डॉ. दीपिका और डॉक्टर एमए हई भी शामिल रहे।

यही नहीं इस ऑपरेशन के दौरान पारस HMRI हॉस्पिटल के आइसीयू इंटेंसिविस्ट, एनेस्थीसिया, चेस्ट फिजिशियन और न्यूरोलोजी की टीम भी लगी रही। इस सफल ऑपरेशन के बाद डॉ. एए हई ने कहा कि जिस तरह मरीज को गोली लगी थी। उसका बच पाना बेहद मुश्किल लग रहा था। हालांकि हमारी टीम ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की और यह कोशिश कामयाब रही। मुझे खुशी है कि हमारी मेहनत किसी को नया जीवन देने के काम आई। वही डॉक्टर सुहास अराध्ये ने कहा कि गौतलब है कि एक्सपेरिएंस्ड डॉक्टर्स और आधुनिक तकनीक से आज बिहार में हर मुश्किल से मुश्किल ऑपरेशन सफलता से किया जा रहा है। हम पूरी कोशिश कर रहे कि हम बिहार के लोगो को हर मेडिकल सुविधा उपलब्ध करा सके ताकि लोग गम्भीर परिस्थिति से डरे नहीं और उनका टाइम, पैसा और जान तीनों बच सके। बता दे की पारस HMRI अस्पताल, पटना बिहार और झारखंड का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है। 350 बिस्तरों वाले पारस HMRI अस्पताल में एक ही स्थान पर सभी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध है। हमारे पास एक आपातकालीन सुविधा, तृतीयक और चतुर्धातुक देखभाल, उच्च योग्य और अनुभवी डॉक्टरों के साथ अत्याधुनिक चिकित्सा केंद्र है। पारस इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर बिहार में अपनी विशेषज्ञता, बुनियादी ढांचे और व्यापक कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के लिए प्रसिद्ध है।

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