इस्पात उद्योग से उत्सर्जन को कम करने को ठोस प्रयास करने का आह्वान

* इस्पात मंत्री की अध्यक्षता में संसदीय सलाहकार समिति की बैठक शिमला में आयोजित
* आरसीपी ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से की मुलाकात


पटना। केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में ‘हरित इस्पात की ओर’ विषय पर विचार-मंथन करने के लिए इस्पात मंत्रालय के लिए संसदीय सलाहकार समिति की बैठक शुक्रवार को शिमला में आयोजित की गयी। श्री सिंह ने हितधारकों से एक समयबद्ध कार्य योजना के अनुसार इस्पात उद्योग से उत्सर्जन को कम करने के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान किया, ताकि आत्मनिर्भर भारत में ग्रीन स्टील के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके।


इस बैठक में वर्तमान परिदृश्य और ग्रीन स्टील की ओर बढ़ने के लिए आगे के रास्ते पर उपयोगी चर्चा हुई। इस्पात उद्योग द्वारा हरित इस्पात का उत्पादन करने के लिए अपनाई जा सकने वाली विभिन्न रणनीतियों और प्रौद्योगिकियों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक का फोकस इस्पात उत्पादन के लिए ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग की संभावनाओं और सीओपी26 में की गई प्रतिबद्धताओं के अनुरूप उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्बन कैप्चर प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर था।
वहीं दोपहर में श्री सिंह ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मुलाकात की। उन्होंने राज्य के विकास और स्टील उद्योग से जुड़े विषयों पर चर्चा की। राज्यपाल ने बताया कि राज्य में 20 प्रतिशत किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और राज्य सरकार इसको और अधिक बढाने का प्रयास कर रही है। श्री सिंह ने शिमला में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मुलाकात की। इसमें हिमाचल प्रदेश में इस्पात उद्योग से जुड़े विषयों पर चर्चा हुई। इससे पूर्व 5 मई को ही श्री सिंह ने पंचकूला में स्थानीय इस्पात उद्योगपतियों से मुलाकात् कर उनकी समस्याओं को समझा और मंत्रालय की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

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