बिहार में पहली बार ई-क्लीनिक लांच : स्वास्थ्य मंत्री बोले- अब घर में ही मिलेगी डॉक्टरों का मार्गदर्शन, लोगों का बनेगा इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकार्ड
पटना (संतोष कुमार)। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शनिवार को राजधानी पटना के एक होटल में जिफ्फीहेल्थ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राज्य की स्वास्थ्य सेवा दुरुस्त करने के लिए ई-क्लीनिक सेवा लांच किया। यह तत्काल 100 क्लीनिक बिहार में काम करेंगे। इसके बाद इसकी संख्या बढ़ेगी। ई-क्लीनिक (हेल्थ कियोस्क) के साथ अगले एक वर्ष में एक करोड़ लोगों का इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकार्ड भी बनाया जाएगा।
लोगों का रहेगा इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकार्ड
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिफ्फीहेल्थ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह संस्थापक बिहार के ही निवासी हैं। यह संस्थान लोगों का स्वास्थ्य रिकार्ड इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से बनाने का लक्ष्य रखी है। यह एक अच्छी पहल है। मुझे जानकर आश्चर्य हुआ कि हजारों किलोमीटर दूर बैठे डॉक्टर दूर जिलों में रह रहे मरीज के हृदय की धड़कन, बीपी, शुगर, आॅक्सीजन लेवल आदि रियल टाइम में सुन और देख सकेंगे। इससे इलाज के लिए लोगों को बड़े शहर में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके तहत पैन कार्ड की तरह एक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा, जिसमें मरीज के इलाज से संबंधित सारी डॉक्यूमेंट अटैच रहेंगे। जैसे ही किसी डॉक्टर के पास आप इलाज के लिए जाएंगे तो आपके हेल्थ कार्ड का यूनिक आईडी नं. डालते ही सारे विवरण उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि सरकारी और गैर सरकारी प्रयास से लोगों को बेहतर सुविधा मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीते 8 माह में 7 लाख से अधिक लोगों को टेलीमेडिसीन की सुविधा दी गई है।


बिहार में 17,650 लोगों पर एक डॉक्टर
वहीं कार्यक्रम में जिफ्फीहेल्थ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व मधुबनी जिला के रहिकपुर निवासी कैप्टन इन्द्र कुमार ने कहा कि बिहार में 17,650 लोगों पर एक डॉक्टर है, जबकि देश स्तर पर देखा जाए तो 11,097 लोगों की आबादी पर एक डॉक्टर है। वहीं देश में उपलब्ध 82 प्रतिशत डॉक्टरों तक सिर्फ 20 प्रतिशत आबादी की ही पहुंच है। बाकी 18 प्रतिशत डॉक्टर 80 प्रतिशत आबादी का इलाज करते हैं। ई-क्लीनिक व हेल्थ कियोस्क से यह अनुपात सुधरेगा। लोगों को अपने घर के पास उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवा सुलभ हो पाएगा।
ई-क्लीनिक की प्रक्रिया ऐसी रहेगी
बिहार के हर जिला में फार्मेसी की दुकान में ई-क्लीनिक खोला जाएगाा। जिसके तहत हेल्थ कियोस्क लगाया जाएगा। मरीज उसके सामने बैठेगा। उसमें कुछ इक्वीमेंट्स लगे रहेंगे, जो मरीज की धड़कन, आॅक्सीजन लेवल, बीपी, शुगर आदि रियल टाइम दूर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टर को पता चल जाएगा। फिर वो दवा लिखेंगे जो फॉर्मेसी वालों को मिल जाएगा। यदि डॉक्टर को लगेगा कि और जांच की जरूरत है तो वहीं एसोसिएट लैबोरेट्ररी वाले मरीज का सेंपल कलेक्ट करेंगे और जांच कर के रिपोर्ट डॉक्टर को भेज देंगे। डॉक्टर जांच रिपोर्ट के आधार पर दवा लिखेगा। इस तरह मरीज को घर बैठे देश के बड़े डॉक्टरों का इलाज मिल जाएगा।

