December 7, 2025

केंद्रीय कृषि मंत्री ने किया अटारी के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण, कहा- नई सोच के साथ कृषि क्षेत्र में तेज गति से हो रहा विकास

पटना। कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी) पटना के प्रशासनिक भवन का वर्चुअल लोकार्पण मंगलवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि कृषि प्रधान हमारे देश में कृषि क्षेत्र का सर्वांगीण विकास देश व समय की जरूरत है। किसानों की आमदनी बढ़े, उनका जीवन समृद्ध हो, खेती में उत्पादन व उत्पादकता बढ़े, इसके लिए प्रधानमंत्री ने दिशा-निर्देश दिए हैं और राज्य सरकारों से भी आग्रह किया है। पीएम के आह्वान पर देशभर में नई सोच के साथ खेती के क्षेत्र में तेज गति से विकास हो रहा है, सरकार ने नए कार्यक्रम हाथ में लिए हैं और राज्य सरकारें भी द्रुतगति से आगे बढ़ रही है, जिसका लाभ निश्चित रूप से भारतीय खेती को मिलने वाला है।
कृषि अनुसंधान पर तेजी से काम करना होगा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार व झारखंड सहित पूर्वी भारत देश का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां विकास की बहुत संभावनाएं है, यहां के लिए कृषि अनुसंधान पर तेजी से काम करना होगा। यह क्षेत्र कृषि में प्राप्त करें, यह हम सब की जिम्मेदारी है। कहा कि भारत सरकार ने कई योजनाएं लागू की है, जिन्हें किसानों तक पहुंचाने में राज्य सरकारों व कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) का सहयोग अपेक्षित है। किसानों के जीवन में तब्दीली के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
सरकार का ध्यान इन छोटे किसानों के उत्थान पर
श्री तोमर ने कहा कि देश में लगभग 80 प्रतिशत छोटे किसान हैं, जिनमें पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन है। सरकार का ध्यान इन छोटे किसानों के उत्थान पर है। सरकार ने छोटे किसानों के लिए 10 हजार नए कृषक उत्पादक संघ (एफपीओ) बनाने का काम शुरू किया है, जिन पर 6,850 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने बिहार व झारखंड के किसानों को भी एफपीओ से जुड़ने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया। श्री तोमर ने बताया कि पीएम मोदी ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अल्पकालीन ऋण के लिए 16 लाख करोड़ का प्रावधान किया है।
कृषि इंफ्रा फंड का किया गया है प्रावधान
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के जरिए देश में अभी तक लगभग ग्यारह करोड़ किसानों के खाते में 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं। इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि इफ्रास्ट्रक्चर गांवों तक पहुंचे और कोल्ड स्टोरेज व वेयर हाउस की सुविधा खेतों के नजदीक हो, जिसके लिए प्रधानमंत्री द्वारा एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रा फंड का प्रावधान किया गया है। इसके तहत अभी तक लगभग ग्यारह हजार करोड़ रूपये के प्रोजेक्ट आए हैं, जिनमें से सत्तावन सौ करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट स्वीकृत कर दिए हैं।
इनकी रही उपस्थिति
इस मौके पर कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने भी संबोधित किया। आईसीएआर के उप महानिदेशक (कृषि प्रसार) डॉ. अशोक कुमार सिंह ने स्वागत भाषण दिया। सहायक महानिदेशक डॉ. रंधीर सिंह ने संचालन किया, अटारी के निदेशक डा. अंजनी कुमार ने आभार माना। कार्यक्रम में बिहार के कृषि सचिव श्रवण कुमार आईसीएआर के उप महानिदेशक डॉ. एके सिंह (बागवानी) व डॉ. आरसी अग्रवाल (शिक्षा), विभिन्न संस्थानों निदेशक, कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक, अन्य अधिकारी एवं किसान उपस्थित थे।

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