अंग प्रदेश में बारिश रुकने से बाढ़ का खतरा टला, गंगा-कोसी और बागमती नदी के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी

भागलपुर। अंग महाजनपद यानी अंग प्रदेश में बारिश रुकने से फिलहाल बाढ़ का खतरा टल गया है। हालांकि गंगा-कोसी और बागमती नदियों के जलस्तर में थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, पर राहत की बात यह है कि छोटी नदियों में पानी कम हो रहा है।
गंगा घाट पर दो दिनों में होगी बेरिकेटिंग
अंग महाजनपद के हृदय स्थल भागलपुर के सुल्तानगंज स्थित गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की सुविधा को बेरिकेटिंग किया जाना है। इसके लिए नई सीढ़ी घाट व जहाज घाट पर बांस-बल्ला से घेरने के लिए बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को आदेश दिया गया था। इसके बावजूद कार्य नहीं किए जाने पर डीएम प्रणव कुमार ने दो दिनों में बेरिकेटिंग करने का निर्देश दिया है, ताकि श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के दौरान किसी प्रकार की कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़े। हालांकि कोरोना संक्रमण को लेकर श्रावणी मेले में पूजा-अर्चना की संभावना नहीं हो रही है। वहीं, अंग जनपद मुंगेर में बुधवार को गंगा का जलस्तर 34.82 मीटर दर्ज किया गया। गंगा यहां 39.33 मीटर के बाद खतरे के निशान को पार करती है। अंग जनपद खगड़िया में पिछले 24 घंटे में कोसी के जलस्तर में मात्र एक सेमी की बढ़ोतरी हुई है। यहां बलतारा में कोसी खतरे के निशान से 63 सेमी ऊपर बह रही है। वहीं, संतोष स्लूस गेट के पास बागमती के जलस्तर में 15 सेमी की बढ़ोतरी हुई है। नदी खतरे के निशान से 66 सेमी ऊपर है। अंग जनपद सुपौल में कोसी नदी के जलस्राव में मंगलवार की रात से लगातार गिरावट जारी है। पश्चिमी तटबंध के दबाव वाले बिंदुओं को विभाग ने सुरक्षित कर लिया गया है।
विभागीय अभियंता के अनुसार अभी कहीं कोई विशेष दबाव नहीं है। नेपाल प्रभाग के नेपाली बांध के स्पर संख्या 34 को भी सुरक्षित कर लिया गया है। पश्चिमी तटबंध के ट्रिपल एफ के अध्यक्ष ई. किशोर कुमार ने बताया कि सिकरहट्टा-मझारी लो बांध एवं घोघरडीहा से नीचे तथा भारदह से नीचे भी दबाव वाले बिंदुओं को सुरक्षित कर लिया गया है। कोसी नदी का जलस्राव बुधवार शाम चार बजे बराह क्षेत्र में 85,000 क्यूसेक और कोसी बराज पर 1,28,480 क्यूसेक घटते क्रम में रिकॉर्ड किया गया। अंगजनपद सहरसा में भी तटबंधों के अंदर कोसी का जलस्तर कम हो रहा है। अंगजनपद मधेपुरा के फुलौत में भरही धार में पानी बढने से लोग भयभीत हैं। कई गांवों के पहुंच पथ डूब चुके हैं। अंगजनपद अररिया में कई सड़कों से पानी उतर चुका है। बारिश थमने से बाढ़ की आशंका से भयभीत कई गांवों के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। अंग जनपद किशनगंज में भी महानंदा, मेंची, कनकई, बूढ़ी कनकई, रेतुआ समेत सभी छोटी-बड़ी नदियों का जलस्तर लगातार घट रहा है। इस कारण कटाव तेज हो गया है। इस जनपद की एक दर्जन से अधिक सड़कों पर कटाव हो रहा है। अंग जनपद कटिहार जिले में महानंदा व उसकी सहायक नदियों के पानी का फैलाव लगातार जारी है। कदवा, बलरामपुर, आजमनगर, प्राणपुर व बारसोई में नए इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर रहा है। कई ग्रामीण पथों पर आवागमन ठप हो गया है। कदवा में डूबने से एक की मौत हुई है। बुधवार को महानंदा के जलस्तर में आंशिक गिरावट दर्ज की गई है। अंग जनपद पूर्णिया में महानंदा, परमान, कनकई आदि के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई, लेकिन सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे हैं। बैसा प्रखंड के मडवा गांव में कटाव निरोधक कार्य मंगलवार को ही ध्वस्त हो गया है,इस कारण आधा दर्जन गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
