दूसरे चरण के मतदान को लेकर भारत-नेपाल बॉर्डर सील, आवागमन बंद, सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव अब अपने निर्णायक दौर में प्रवेश कर चुका है। पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है और अब दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होना है। इसी को देखते हुए राज्य प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। चुनाव को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और भयमुक्त माहौल में संपन्न कराने के लिए भारत-नेपाल सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। यह प्रतिबंध मतदान की तिथि से 72 घंटे पहले तक प्रभावी रहेगा।
भारत-नेपाल सीमा पर सख्त सुरक्षा व्यवस्था
चुनाव के मद्देनज़र भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि सीमा सील करने का मकसद असामाजिक तत्वों की आवाजाही और संदिग्ध गतिविधियों पर रोक लगाना है, जिससे चुनाव की निष्पक्षता बनी रहे। जानकारी के अनुसार, नेपाल के सर्लाही, महोत्तरी, रौतहट जैसे सीमावर्ती जिलों में शनिवार 8 नवंबर की शाम 6 बजे से सीमा पूरी तरह बंद कर दी गई है। यह प्रतिबंध मंगलवार 11 नवंबर की शाम 6 बजे तक जारी रहेगा। इस दौरान आम नागरिकों का सीमा पार आवागमन, व्यापारिक गतिविधियां और वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद रहेगी। हालांकि, चिकित्सा आपातकाल और आवश्यक सेवाओं को सीमित अनुमति दी गई है।
प्रशासन का मकसद – चुनाव को शांतिपूर्ण बनाना
अधिकारियों के अनुसार, सीमा को सील करने का मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है। पिछले कई चुनावों में यह देखा गया है कि सीमावर्ती इलाकों से अवैध शराब, नकदी या अन्य सामग्री बिहार में तस्करी के माध्यम से लाई जाती रही है, जो मतदान को प्रभावित कर सकती है। नेपाल के सर्लाही जिले के प्रमुख जिला अधिकारी रामुराज कडरिया ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए सीमा क्षेत्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा, “सीमा क्षेत्रों की संवेदनशीलता को देखते हुए यह कदम उठाया गया है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके। दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियां आपसी समन्वय के साथ काम कर रही हैं।”
दोनों देशों की एजेंसियां अलर्ट पर
सीमा पर भारतीय सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), नेपाल पुलिस और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं। भारतीय पक्ष से सुरक्षा की निगरानी एसएसबी कर रही है, जबकि नेपाल की ओर से आर्म्ड पुलिस फोर्स (एपीएफ) की तैनाती बढ़ा दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों की एजेंसियों के बीच लगातार संवाद चल रहा है और संदिग्ध इलाकों में संयुक्त गश्त भी की जा रही है। बिहार के सीमावर्ती जिलों — सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और पश्चिम चंपारण में विशेष निगरानी रखी जा रही है।
रेलवे सेवा पर भी पड़ा असर
सीमा सील करने के फैसले का असर भारत-नेपाल के बीच चलने वाली रेल सेवाओं पर भी पड़ा है। जयनगर–जनकपुर–बिजलपुरा रूट पर रविवार से मंगलवार तक ट्रेन सेवा पूरी तरह बंद रहेगी। जयनगर नेपाली रेलवे स्टेशन अधीक्षक एस.एल. मीणा ने बताया कि शनिवार को इस रूट पर आखिरी ट्रेन चलाई जाएगी, जिसके बाद तीन दिन तक रेल परिचालन बंद रहेगा। उन्होंने कहा, “यह निर्णय दोनों देशों की सहमति से लिया गया है ताकि मतदान के दौरान किसी भी तरह की भीड़भाड़ या संदिग्ध आवागमन को रोका जा सके। बुधवार से फिर से ट्रेन सेवाएं सामान्य रूप से शुरू कर दी जाएंगी।” वर्तमान में जयनगर से जनकपुर और बिजलपुरा के बीच तीन फेरों में ट्रेनें चलती हैं, जो दोनों देशों के बीच एक प्रमुख परिवहन कड़ी हैं।
सीमावर्ती इलाकों में कड़ी निगरानी
सीमा से सटे इलाकों में पुलिस और प्रशासन ने कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन और मोबाइल पेट्रोलिंग टीमों की मदद से संवेदनशील स्थानों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके अलावा, शराब और नकदी की तस्करी रोकने के लिए विशेष जांच दल तैनात किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि सीमावर्ती बाजारों में दुकानों और गोदामों की जांच की जा रही है ताकि किसी तरह की अवैध गतिविधि न हो। इसके साथ ही मतदाताओं को भयमुक्त होकर मतदान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
मतदाताओं के लिए जारी दिशा-निर्देश
चुनाव आयोग ने दूसरे चरण के मतदान को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सीमा क्षेत्र के निवासियों से अपील की गई है कि वे इस दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और कानून व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें। इसके साथ ही, सीमा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बताया गया है कि आपात स्थिति में चिकित्सा, खाद्य सामग्री या अन्य आवश्यक जरूरतों के लिए स्थानीय प्रशासन से विशेष अनुमति लेनी होगी।
शांतिपूर्ण मतदान के लिए रणनीति
बिहार पुलिस, एसएसबी और जिला प्रशासन के बीच लगातार बैठकें की जा रही हैं। मतदान से पहले सभी बॉर्डर चौकियों पर अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है। अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बिहार के गृह विभाग ने सभी जिलों को अलर्ट मोड में रखा है और निर्देश दिया है कि संवेदनशील इलाकों में पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। इसके साथ ही, ड्रोन सर्विलांस के जरिए भी निगरानी रखी जा रही है। भारत-नेपाल सीमा को 72 घंटे के लिए सील करने का निर्णय बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने की दिशा में एक अहम कदम है। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि बाहरी तत्व या असामाजिक गतिविधियां चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित न कर सकें। सीमा पर कड़ी निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था से यह स्पष्ट है कि प्रशासन इस बार किसी भी तरह की गड़बड़ी या हिंसा को रोकने के लिए पूरी तरह तैयार है। जनता से भी अपील की गई है कि वे भयमुक्त होकर मतदान करें और लोकतंत्र को सशक्त बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।


